सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर (झारखंड)। श्रीश्री ठाकुर अनुकूल चंद्र सत्संग सह मासिक संगोष्ठी पश्चिमी सिंहभूम जिला के हद में गुवा से सटे विहार मंदिर बोकना में आयोजित किया गया।
इस अवसर पर गुवा, बड़ाजामदा, नोवामुंडी एवं अन्य जगहों के दर्जनों श्रद्धालु सत्संग में शामिल हुए। यहां आयोजित कार्यक्रम में भजन, भंडारा व ठाकुर अनुकूल चंद्र के भाव विचारधारा का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रित्विक अमरनाथ ठाकुर ने कहा कि मनुष्य का समुचित उन्नति आर्थिक उन्नति नहीं, बल्कि मानसिक एवं आत्मिक उन्नति है। उन्होंने कहा कि मनुष्य को जीवन की महत्ता को समझते हुए ठाकुर अनुकूल चंद्र के बताए मार्ग पर चलकर जन कल्याण का कार्य करना चाहिए। सत्संगति एक यज्ञ के समान है। मनुष्य को अच्छे कर्म कर नित्य पुरुषोत्तम के दर्शाये मार्ग पर चलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि महाभारत में मात्र पांच पांडव थे। जिनके पराजय के लिए शुरू से अंत तक कौरवों का प्रयास जारी रहा, लेकिन युग पुरुष श्रीकृष्ण पांडवों के साथ थे। श्रीलंका जाने का मार्ग पर पुलिया का निर्माण भक्तों की इच्छा व ईश्वरी सेवा को दर्शाता है।
बताया जाता है कि वर्तमान परिवेश में विधि विधान के अनुसार सत्संग केंद्र एवं अधिवेशन केंद्र का निर्माण ठाकुर अनुकूल चंद्र के भक्तों द्वारा देश विदेश में की जा रही है। मनुष्य को जीवन की कठिनाइयों दु:खों व् संघर्षों का मुकाबला करने के लिए ठाकुर अनुकूल चंद्र को समर्पित कर देना चाहिए, तथा कर्म सत्ता पर चलते हुए मानव कल्याण का कार्य करना चाहिए।
अंततः कहा गया कि आने वाले भविष्य में संपूर्ण संसार में गुरुवाद छा जाएगा। इस अवसर पर मंदिर के बाउंड्री वाल के निर्माण कार्य की शुरुआत की गयी। श्रद्धालुओं में मुख्य रूप से कपिलेश्वर डोंगो, मनमोहन चौबे, मुकेश जयसवाल, शिव बालक लकड़ा, दीपक स्वाईं, दीपक गुप्ता, देवेंद्र महाकुड़, रामचंद्र दास के साथ-साथ दर्जनों महिलाएं शामिल थे।
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