साभार/ पटना। बिहार के मुजफ्फरपुर में बच्चियों के यौन शोषण का मामला अभी थमा नहीं था कि राज्य के एक आश्रय गृह में रहने वाली दो महिलाओं की राजधानी पटना के एक अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। पुलिस ने यह जानकारी दी। आसरा आश्रय गृह में रहने वाली एक 40 वर्षीय महिला और एक 18 वर्षीय लड़की की शुक्रवार रात पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में मौत हो गई।
चौंकाने वाली बात यह रही कि इस घटना की सूचना न तो पुलिस और न समाज कल्याण विभाग को दी गई। विभाग के अधिकारियों के साथ पुलिस की एक टीम ने शहर के राजीव हागर इलाके में स्थित आश्रय गृह का दौरा किया और वहां कार्यरत कर्मचारियों से पूछताछ की। दोनों महिलाओं की मौत के कारणों का पता नहीं चल पाया है।
इस बीच पटना मेडिकल कॉलेज के प्रभारी ने कहा है कि जब लड़कियों को हॉस्पिटल ले आया गया था तब उनकी मौत हो चुकी थी। उन्होंने कहा कि नियम के मुताबिक हमने इसकी सूचना पुलिस को दी और पोस्टमॉर्टम किया। चूंकि इन लड़कियों की हॉस्पिटल पहुंचने से पहले मौत हो चुकी थी, इसलिए बीमारी का कोई सवाल ही नहीं उठता है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से मौत के कारणों का खुलासा होगा।
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में एक बालिका गृह में 34 नाबालिग लड़कियों के साथ दुष्कर्म की घटना जुलाई में सामने आई थी। बच्चियों से दरिंदगी के मामले में मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को सीबीआई ने अरेस्ट किया है। यही नहीं उस पर सीबीआई का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। सीबीआई की टीम ने ब्रजेश ठाकुर के बेटे राहुल आनंद को शनिवार को हिरासत में लेकर उससे लंबी और कड़ी पूछताछ की है।
रविवार सुबह सीबीआई ने आनंद को छोड़ दिया। खबर के मुताबिक आरोपी के बेटे से पूछताछ में सीबीआई को कई अहम सबूत हाथ लगे हैं। बता दें कि सीबीआई की टीम ब्रजेश ठाकुर के साहू रोड स्थित आवास पर शनिवार सुबह करीब 9 बजे पहुंची और रात 8 बजे के करीब उसके बेटे राहुल आनंद के साथ वहां से रवाना हुई थी। इसके बाद से ही राहुल आनंद से सीबीआई की पूछताछ लगातार जारी थी। दरअसल, ब्रजेश का बेटा आनंद ही हिंदी दैनिक ‘प्रात: कमल’ का प्रकाशक और संपादक है, जो उसके आवासीय परिसर और आश्रय गृह के अंदर ही स्थित है। इससे पहले उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में एक आश्रय गृह से 24 लड़कियों को पिछले सप्ताह तब बचाया गया, जब उनमें से एक ने पुलिस को बताया कि उन लोगों का यौन उत्पीड़न किया जा रहा है।
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