सोनपुर अनुमंडल स्थापना दिवस समारोह आज

सोनपुर के बाबा हरिहरनाथ में होगा मुख्य समारोह

प्रहरी संवाददाता/सोनपुर (सारण)। सारण जिला के हद में सोनपुर अनुमंडल के 32वें स्थापना दिवस को लेकर प्रशासनिक स्तर पर सारी तैयारियां पूरी कर ली गयज है। पहली बार जन आग्रह पर सरकारी महकमें ने स्थापना दिवस मनाने की जिम्मेवारी अपने ऊपर ली है। जिसके कारण क्षेत्र के रहिवासियों में व्यापक उत्साह व्याप्त है।

हालांकि, अनुमंडल स्थापना दिवस पर बिहार विधान परिषद के शिक्षक एवं स्नातक चुनाव को लेकर लागू आदर्श आचार संहिता की वजह से राजनीतिक भाषणबाजी देखने को नही मिलेगी।

वहीं सरकारी स्तर पर आयोजन के लिए कम समय मिल पाने के कारण भी महोत्सव जैसा ताम-झाम भले नही दिखे, परन्तु विभिन्न विद्यालयों के छात्र- छात्राओं की पेंटिंग प्रतियोगिता, गोष्ठी एवं अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम के दिग्दर्शन रहिवासी कर सकेंगे।

ज्ञात हो कि, 32वें स्थापना दिवस का मुख्य समारोह सोनपुर के बाबा हरिहरनाथ मंदिर के विशाल सत्संग भवन में एक अप्रैल को करने का पहले ही निर्णय लिया जा चुका है। लम्बे संघर्ष एवं आंदोलनों के बाद बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने सोनपुर को अनुमंडल बनाने की घोषणा की थी। उन्होंने 1अप्रैल 1991 को इस नवसृजित अनुमंडल का उद्‌घाटन किया था।

अनुमंडल निर्माण के लिए संघर्ष में क्षेत्र के पत्रकारों, अधिवक्ताओं, आमजन एवं सभी राजनीतिक दलों की सहभागिता बढ़ चढ़कर रही थी। उस समय स्थानीय पर्यटक सूचना केन्द्र परिसर में सोनपुर अनुमंडल का उद्घाटन किया गया था।

सोनपुर को अनुमंडल बनाने के लिए बजाप्ता सोनपुर अनुमंडल बनाओ संघर्ष समिति का गठन किया गया था, जिसके अध्यक्ष अधिवक्ता विश्वनाथ सिंह बनाए गए थे। तत्कालीन सोनपुर के विधायक लालू प्रसाद, पूर्व मुख्यमंत्री रामसुंदर दास, राम जयपाल सिंह यादव, अमरेन्द्र नारायण सिंह (बच्चा बाबू), आदि।

रामबहादुर सिंह (एमपी) बाबा रामदास उदासीन, भूतपूर्व विधायक (स्वर्गीय) शिवबचन सिंह, सोनपुर अधिसूचित क्षेत्र के अध्यक्ष जवाहर प्रसाद सिंह, प्रखंड प्रमुख सोनपुर कैलाश प्रसाद सिंह, महंत अवध किशोर गिरी समिति के संरक्षक थे।

बताया जाता है कि, सोनपुर को अनुमंडल बनाने के लिए प्रचार विभाग का कमान पांच गणमान्य जनों के कंधे पर थी। जिसमें आनंद नयन, उमाशंकर गुप्ता, अमरनाथ सिंह, अवध किशोर शर्मा एवं ठाकुर संग्राम सिंह शामिल थे।

इस संघर्ष समिति के उपाध्यक्ष विलायत हुसैन, स्व. गुणसागर पांडेय, स्व. डॉ रामानंद सिंह, स्व. तीर्थनाथ सिंह एवं तृप्तिनाथ सिंह थे, जबकि महासचिव वरिष्ठ साहित्यकार सुरेन्द्र मानपुरी थे। संयुक्त सचिव सुधीर कुमार सिंह, सचिव रामेश्वर नाथ पांडेय, भूषण कुमार सिंह एवं अमरनाथ तिवारी थे।

क्या कहते हैं संघर्ष समिति के महासचिव सुरेन्द्र मानपुरी

सोनपुर अनुमंडल बनाओ संघर्ष समिति के महासचिव रहे वरिष्ठ साहित्यकार सुरेन्द्र मानपुरी बताते हैं कि सोनपुर अनुमंडल बनाओ संघर्ष समिति नामक कमिटी बनी और इसके लिए कमिटी ने लंबी लड़ाई भी लड़ी। पर लालू प्रसाद मुख्यमंत्री नही होते तो सोनपुर अनुमंडल नही बनता।

इसके पहले डॉ जगन्नाथ मिश्रा की सरकार ने बिहार में कई जिले, अनुमंडल, प्रखंड बनाए पर सोनपुर उससे अछूता रहा था। तब लालू यादव ने सोनपुर को पौराणिकता एवं ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मानते हुए अनुमंडल का दर्जा दिया।

जिसमें सोनपुर, दरियापुर, दिघवारा, परसा प्रखंडों को मिलाकर एवं नयागांव को नया प्रखंड बनाकर एक नए जिला का गठन किया जा सकता था, परंतु राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी के कारण सोनपुर को अभी तक जिला का दर्जा नही मिल पाया है। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि जब चार प्रखंडों को लेकर शिवहर जिला बन सकता है तो सोनपुर जैसे महत्वपूर्ण स्थल को जिला बनाने की राह में कौन सी अड़चन आ रही है?

 

 231 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *