साभार/ नई दिल्ली। तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि का मंगलवार को निधन हो गया। एम करुणानिधि 94 साल के थे। पांच बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे एम करुणानिधि काफी समय से बीमार चल रहे थे। बीते दिनों 28 जुलाई को तबीयत बिगड़ने के बाद चेन्नई के कावेरी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मगर मंगलवार की शाम 6 बजकर 10 मिनट पर करुणानिधि का निधन हो हो गया। तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि को मरीना बीच पर समाधि दे दी गई। इस मौके पर उनके हजारों समर्थक और पूरा परिवार मौजूद रहा। उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया।
बता दें की करुणानिधि की समाधि के डीएमके ने मरीना बीच पर जगह मांगी थी, लेकिन राज्य सरकार ने इससे इनकार कर दिया। जिसके बाद पार्टी ने मद्रास हाईकोर्ट में अपील की। बुधवार सुबह ही मद्रास हाईकोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश ने उनका अंतिम संस्कार मरीना बीच पर करने की इजाजत दे दी थी। हाईकोर्ट का यह फैसला सुनते ही राजाजी हॉल के बाहर जमे हजारों डीएमके में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। वहीं करुणानिधि के बेटे और उनके सियासी वारिस स्टालिन की आंखों से आंसू छलक आएं। वहीं अपने नेता के अंतिम दर्शन के लिए राजाजी हॉल के बाहर पार्टी समर्थकों का भारी हुजूम लगा रहा, जो किसी भी तरह दर्शन को आतुर थे।
इस दौरान पुलिस को भीड़ पर काबू के लिए लाठीचार्ज भी करना पड़ा। इस दौरान मची भगदड़ में कम से कम दो लोगों की मौत हो गई और 26 लोग घायल हुए है। उधर डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की। स्टालिन ने इसके साथ कहा, ‘पुलिस हमें सुरक्षा दे या नहीं, लेकिन मैं आपके पैर पकड़कर विनती और विनर्म निवेदन करता हूं कि शांति व्यवस्था बनाए रखते हुए धीरे-धीरे यहां से हट जाएं।’ एम करुणानिधि को राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सहित तमाम नेताओं ने शोक जताते हुए श्रद्धांजलि दी है। वहीं तमिलनाडु सरकार ने उनके निधन पर सात दिन, जबकि कर्नाटक सरकार ने एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है।
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