प्रहरी संवाददाता/पेटरवार (बोकारो)। पेटरवार प्रखंड के हद में अंगवाली स्थित विहंगम योग संत समाज के संस्थापक सदगुरु सदाफलदेव जी महराज के मंदिर में सदगुरु की मूर्ति स्थापना के प्रथम वर्षी पर 22 मार्च को एक कुण्डीय वैदिक यज्ञ का आयोजन किया गया।
जानकारी के अनुसार अंगवाली स्थित सत्संग आश्रम में विहंगम योग संत समाज, कोयलांचल एवं अंगवाली के तत्वाधान में ब्रह्मविद्या विहंगम योग सत्संग सह एक कुण्डीय विश्वशांति वैदिक महायज्ञ का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर प्रारंभ में पूर्वाह्न अंगवाली स्थित विवाह मंडप से मिश्रा मुहल्ला, मंडपवारी चौक, सड़क टोला, नहर चौक होते सैकड़ो गुरुभाई बहन जुलूस की शक्ल में नारा लगाते सदगुरु मंदिर पहुंचे। इसके बाद मंदिर परिसर में एक कुण्डीय हवन अनुष्ठान किये गये। अनुष्ठान में महिला-पुरुष एक सौ के करीब श्रद्धालु गण शामिल थे।
इस अवसर पर विहंगम योग संस्थान वाराणसी आश्रम से पधारे विद्यार्थी डॉ भोला कुमार एवं मोनू कुमार ने हवन कार्यक्रम संपन्न कराए। आयोजन स्थल (मंच पर) मुख्य अतिथि बतौर बीएसएल के पूर्व महाप्रबंधक सह विहंगम योग संदेश मासिक पत्रिका के संपादक सुखनंदन सिंह सदय, संत समाज के प्रदेश अध्यक्ष राधाकृष्ण सिन्हा, महामंत्री केपी श्रीवास्तव, प्रदेश प्रचार मंत्री नागेश्वर मेहता, कार्यालय प्रमुख प्रदीप कुमार (बोकारो), प्रधान संयोजक बोकारो नीलकंठ रविदास, कोयलांचल संयोजक आनंद केशरी आदि मुख्य रूप से मंचासिन थे।
यहां आगंतुक प्रतिनिधियों को मंच पर फूल माला से स्वागत तथा अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। गुरु वंदना, मंगल गान, आरती पश्चात मुख्य अतिथि सदय ने ब्रह्मविद्या एवं विहंगम योग के गूढ़ रहस्यों के बारे में उपस्थित समूह को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि ब्रह्म विद्या एवं अपनी अंतरात्मा को जो पहचान लिया हो, मानो वह संसार में सब जान गया हो। अन्य प्रतिनिधियों ने भी गुरु की महत्ता पर प्रकाश डाला।
यहां कोयलांचल के सह संयोजक प्यारेलाल यादव मंच संचालन का दायित्व बखूबी निभाया। जबकि कार्यक्रम में संत समाज के शिवचंद यादव, जानकी प्रसाद यादव, केपी सिंह, शशिभूषण श्रीवास्तव, नरेश मिश्रा, पंचानन साव, कमल साव, विकास सिंह, नारायण मल्लाह, खिरोधर गोप, गंगा साव, गोपाल दत्त, मालती देवी, वैदेही श्रीवास्तव, मंजू जायसवाल सहित जिप सदस्य अशोक कुमार मुर्मू, मुखिया धर्मेंद्र कपरदार, पंसस बोबी देवी के अलावा फुसरो, ढोरी, मकोली,आदि
नावाडीह, पिछरी, तुपकडीह, करगली, कथारा, बीटीपीएस, स्वांग, गोमियां, तेनुघाट, घरवातांड, झुंझको, बसेरिया आदि इलाके के सैंकड़ों गुरुभाई यहां उपस्थित थे। सभी ने सामूहिक रूप से गुरु प्रसाद दाल-भात, सब्जी का लुफ्त उठाए।
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