साभार/ नई दिल्ली। दिल्ली और यूपी में पिछले तीन दिन से जारी जोरदार बारिश ने आम जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। यूपी में बारिश, आंधी और बिजली गिरने से 58 लोगों की मौत हो गई है वहीं, दिल्ली में यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। शनिवार को करीब 11 बजे हथिनीकुंड बैराज से करीब 3,11,190 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद यह खतरा और बढ़ गया है। वहीं उत्तराखंड में भी कई नदियां उफान पर हैं।
उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में गुरुवार से लगातार हो रही बारिश से 58 लोगों की मौत हो गई है। सबसे ज्यादा 11 मौतें सहारनपुर में हुई हैं। राहत आयुक्त कार्यालय के प्रवक्ता के मुताबिक, पिछले दो दिनों में अब तक 58 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। 50 से ज्यादा लोग जख्मी भी हुए हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से मिली जानकारी के अनुसार आगरा और मेरठ में छह-छह, मैनपुरी में चार, कासगंज में तीन, बरेली, बागपत और बुलंदशहर में दो-दो लोगों की मौत हुई है। वहीं, कानपुर देहात, मथुरा, गाजियाबाद, हापुड़, रायबरेली, जालौन,जौनपुर, प्रतापगढ़, बांदा, फिरोजाबाद, अमेठी, कानपुर नगर तथा मुजफ्फरनगर में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है।
राज्य के सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी जिलों के आला अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों से प्रभावित इलाकों का दौरा करने और राहत तथा बचाव कार्यों में तेजी बरतने के निर्देश दिए हैं। मौसम विभाग ने सोमवार तक पूर्वी यूपी के कुछ इलाकों में ‘हेवी टु वेरी हेवी’ बारिश की चेतावनी दी है।
हरियाणा के हथिनीकुंड से पानी छोड़े जाने और लगातार बारिश से शनिवार को यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चढ़ गया। निचले इलाकों के लोगों के घरों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि ‘सुबह 10 बजे पानी का स्तर 205.06 मीटर तक चढ़ गया।’ वर्तमान जलस्तर खतरे के निशान से 0.23 मीटर अधिक है।
शनिवार करीब 11 बजे हथिनीकुंड बैराज से 3,11,190 क्यूसेक पानी और छोड़ा गया है। इससे दिल्ली के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। एसडीएम (ईस्ट) अरुण गुप्ता ने बताया कि रात 9 से 11 बजे तक पुराने रेलवे ब्रिज पर यमुना का जल स्तर 205 मीटर से ऊपर हो जाएगा। जलस्तर पहले ही खतरे के निशान को पार कर चुका है। निचले इलाकों को खाली कराने के लिए कहा गया है। गुप्ता ने बताया कि लोगों से कहा जा रहा है कि वे अपने बच्चों और मवेषियों को ऊपरी इलाकों में ले जाएं। हमने लोगों से यमुना में उतरने को भी मना किया है। इन लोगों के अस्थायी आवास के लिए कई जगहों पर 10 टेंट की व्यवस्था की गई है।
बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब दिल्ली वालों को बाढ़ का खतरा सता रहा है। इससे पहले साल 2010 दिल्ली के कई इलाकों में पानी भर गया था। जिसके बाद लोगों को कई दिनों तक शेल्टरों में रहना पड़ा था। उत्तराखंड में भी लगातार बारिश की वजह से कई नदियां उफान पर हैं। मसूरी के कैंप्टी फॉल पर पानी का बहाव बहुत तेज हो गया है। मौसम विभाग ने रविवार और सोमवार को उत्तराखंड के कई इलाकों में तेज बारिश की चेतावनी भी दी है।
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