एस. पी. सक्सेना/पटना (बिहार)। बिहार के भोजपुर जिला मुख्यालय आरा के रमना मैदान में स्थित बिहार मिलेट्स एंड कॉन्क्लेव एग्जीबिशन में 28 फरवरी को लोक मंच की प्रस्तुति
किसमें कितना है दम नाटक का मंचन किया गया। उक्त जानकारी उक्त नाटक के कलाकार, निर्देशक व् कलाकार साझा संघ के सचिव मनीष महीवाल ने दी।
महीवाल के अनुसार प्रस्तुत नाटक किसमें कितना है दम नाटक का कथासार कुछ इस प्रकार है कि आज बाजारवाद और रसायानिक युग में मनुष्य अपने स्वास्थ को लेकर बहुत हीं गंभीर रहते हैं। अपने आहार में पोष्टीकता को बनाये रखने के लिए तरह- तरह के खाद पदार्थ जो बाजार में उपलब्ध है, उसे प्रयोग में लाते है। फिर भी वे स्वस्थ नहीं रह पाते। दरअसल उन्हें मालूम ही नहीं है कि किस खाद पदार्थ में क्या और कितने मात्रा में न्यूट्रेशन है।
महीवाल के अनुसार इसी विषय पर लोक पंच के कलाकारों ने नुक्कड़ नाटक किसमें कितना है दम के माध्यम से आमजनों को स्वास्थ्य और पोष्टीक खाद -पदार्थ के बारे में बताया गया है।
इस नाटक के माध्यम से कलाकारों ने बताया कि हमारे पूर्वज मिलेटस जैसे बाजरा, मडुआ, क्रिओनी, चीना, कुटकी, सामा आदि अन्न उगाते थे, जो न्युट्रेशन प्रोटीन, काब्रोहाइड्रेड आदि से भरपूर रहता था। जिसके कारण वे आज के अपेक्षा अधिक स्वस्थ रहते थे। आज हमें फिर से उन अनाजों को उपज में लाने की आवश्यकता है। इसके लिए उत्पादन के साथ-साथ उपभोक्ता को भी जागरूक होना होगा। सरकार हर संभव प्रयास में लगी है कि मिलेटस खाद्य पदार्थों की खेती अधिक से अधिक संभव हो।
प्रस्तुत नाटक में कलाकार सरबिन्द कुमार, रेन मार्क, प्रियंका सिंह, अरविन्द कुमार, अनिशा, शिशिर, रजनीश, अभिषेक, राम प्रवेश एवं मनीष महिवाल मुख्य भूमिका में हैं। इस नाटक के लेखक इश्तियाक अहमद और निर्देशक मनीष महिवाल हैं।
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