मुश्किल से 120 का आँकड़ा पार कर पायी बीमा योजना-प्रीतम भाटिया

ममता सिन्हा/तेनुघाट (बोकारो)। एआईएसएमजेडब्ल्यूए के प्रदेश प्रभारी प्रीतम भाटिया पिछले तीन दिनों से जहाँ राँची में पत्रकार साथियों के लिए लगातार विभिन्न विभागों के चक्कर काट रहे थे। वहीं पत्रकार हित में कुछ अच्छे संकेत लेकर वे वापस जमशेदपुर भी लौट गये हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य में पत्रकार साथियों ने बीमा योजना को इस कदर नकार दिया कि बामुश्किल ही 120 का आँकड़ा पार हो पाया है। पूरे राज्य में पत्रकार साथियों के साथ जिला जनसम्पर्क कार्यालय में हुई बैठकों के बावजूद ज्यादातर पत्रकार इस योजना के विरोध में ही नजर आए।

एआईएसएमजेडब्ल्यूए के प्रदेश प्रभारी सह प्रदेश अध्यक्ष, कार्यकारी अध्यक्ष, महासचिव और तमाम पदाधिकारियों ने पत्रकार साथियों को ऐसोसिएशन की अपील पर बीमा योजना का विरोध कर अभियान में सहयोगी बनने के लिए आभार व्यक्त किया है। भाटिया ने कहा कि राज्य में आईपीआरडी ने बीमा की अंतिम तिथि 17 फरवरी रखी थी।

जिसके बाद कोई नयी तारीख नहीं निकाली गई, क्योंकि यह तो समझ आ ही गया था कि इस बीमा योजना की क्लेम राशि कम और प्रीमियम राशि ज्यादा है। उन्होंने कहा कि अब वह दिन दूर नहीं जब 90 प्रतिशत अनुदान के साथ नये बजट की घोषणा होगी और पत्रकार साथियों को नये बीमा योजना का लाभ जल्द मिलेगा।

ऐसोसिएशन के सह प्रभारी शंकर गुप्ता ने कहा कि राज्य में सत्र की तैयारी जोरों पर है। हमारा प्रयास होगा कि पत्रकार साथियों के लिए नया बजट स्वीकृत कराया जा सके। उन्होंने कहा कि पत्रकार साथियों को बीमा और एक्रिडेशन मिले इसके लिए हम दिन-रात प्रयास कर रहें हैं।

प्रदेश अध्यक्ष रामप्रवेश सिहं ने कहा कि पत्रकार साथियों को हमेशा यह महसूस हो रहा है कि उनके लिए अगर कोई खड़ा है तो वह एआईएसएमजेडब्ल्यूए ही है। जिसके हर आंदोलन और अभियान का असर साफ नजर आता है। चाहे 10 नये-पुराने संगठन हर जिले में बन जाएं लेकिन जमीनी हकीकत पत्रकार साथियों को पता है कि उनकी लडा़ई कौन लड़ रहा है।

ऐसोसिएशन के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष सियाराम शरण सिंह ने कहा कि पत्रकार साथियों पर दर्ज फर्जी मामलों के आंकड़ों के लिए आईपीआरडी का प्रयास एआईएसएमजेडब्ल्यूए की देन है। हम सभी को इस अभियान में चूकना भी नहीं चाहिए।

उन सभी जिलों में पत्रकार साथियों को जिला जनसंपर्क कार्यालय में जाकर अपने ऊपर दर्ज मामले की लिखित जानकारी देनी चाहिए। जहाँ पत्रकार साथियों की आवाज दबाने के लिए बनावटी और फर्जी मामले दर्ज हुए हैं।

प्रदेश महासचिव शैलेंद्र जयसवाल बंटी ने कहा कि राज्य में पत्रकार साथियों पर दर्ज फर्जी मामलों की शिकायतें आईपीआरडी में एकत्रित करने की पहल का कारण है।

सीआईडी जाँच की माँग हेतु विभिन्न जिलों में एसोसिएशन के बैनर तले पत्रकार साथियों द्वारा ज्ञापन सौंपने का तरीका। जयसवाल ने कहा कि आज आईपीआरडी पत्रकार साथियों पर दर्ज फर्जी मामलों का डाटा इकट्ठा कर रही है। कल अगर सीआईडी जाँच हुई तो कुछ ऐसे अधिकारियों पर गाज गिरने वाली है जो पत्रकार साथियों के मानसिक शोषण में शामिल रहे हैं।

ऐसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष मोहम्मद सईद ने कहा कि फर्जी मामलों पर राज्य सरकार को तुरंत सीआईडी जांच के आदेश देने चाहिए। क्योंकि विभिन्न जिलों में सुपरविजन के नाम पर पत्रकार साथियों पर दर्ज फर्जी मामलों को दो-तीन साल से लंबित रखा गया है।

उन्होंने कहा कि ऐसोसिएशन ने विभिन्न जिलों से ज्ञापन सौंपने के अभियान से फर्जी मामले का सारा डाटा राज्यपाल और मुख्यमंत्री के अलावे डीजीपी तक को पिछले ही वर्ष उपलब्ध करा दिया था।

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