केंद्रीय मंत्री द्वारा सीसीएल में समीक्षा बैठक का आयोजन
एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। झारखंड की राजधानी में स्थित सीसीएल मुख्यालय दरभंगा हाउस में 17 फरवरी को केंद्रीय कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी ने सीसीएल सहित कोल इंडिया के अन्य अनुषंगी कंपनियों के कार्य निष्पादन की समीक्षा बैठक की।
बैठक में अपर सचिव कोयला मंत्रालय भारत सरकार विस्मिता तेज, सीसीएल के सीएमडी पी.एम. प्रसाद, सीएमपीडीआई के सीएमडी मनोज कुमार, ईसीएल के सीएमडी ए.पी. पांडा, कोल इंडिया के निदेशक (विपणन) मुकेश चौधरी, सीसीएल के निदेशक वित्त पवन कुमार मिश्रा, निदेशक कार्मिक हर्ष नाथ मिश्र, निदेशक कार्मिक ईसीएल आहूति स्वाईं एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
समीक्षा बैठक में मंत्री जोशी ने सीसीएल एवं कोल इंडिया के अनुषंगी कंपनियों के वित्तीय वर्ष के लक्ष्य को प्राप्त करने पर बल दिया गया। मंत्री जोशी ने कंपनी के कार्य-निष्पादन, चुनौतियों एवं उनके निवारण हेतु विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा किया। साथ हीं मंत्रालय द्वारा सहयोग का आश्वासन दिया।
इस अवसर पर मंत्री ने कहा कि देश की उर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के दृष्टिकोण से कोयला एक प्रमुख संसाधन है। देश की उर्जा आवश्यकता पूर्ति के लिए निर्बाध रूप से कोयले के उत्पादन की आवश्यकता है।
इससे पूर्व सीसीएल के सीएमडी पी.एम. प्रसाद ने पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से कंपनी के कोयला उत्पादन, प्रेषण, अधिभार (ओबी) रिमुवल, कोयला स्टॉक, पर्यावरण, वाशरी सहित कानून व्यवस्था एवं अन्य चुनौतियों से मंत्री को अवगत कराया।
इस अवसर पर सीसीएल के गांधीनगर कॉलोनी कांके रोड में इक्सक्यूटिव हॉस्टल एवं सिक्यूरिटी बैरक का उद्घाटन कोयला एवं खान मंत्री प्रल्हाद जोशी ने परम्परागत रूप से फिता काटकर किया। इस अवसर पर रांची के सांसद संजय सेठ, विधायक सी.पी. सिंह, कांके विधायक समरी लाल सहित अपर सचिव कोयला मंत्रालय विस्मिता तेज, मंत्री के ओएसडी नारायण गंभीर, आदि।
सीएमडी सीसीएल पी.एम. प्रसाद, कोल इंडिया के निदेशक(विपणन) मुकेश चौधरी, निदेशक (वित्त) सीसीएल पवन कुमार मिश्रा, निदेशक (कार्मिक) सीसीएल हर्ष नाथ मिश्र, सीवीओ पंकज कुमार एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
जानकारी के अनुसार नवनिर्मित इक्सक्यूटिव हॉस्टल में 16 डबल बेड सहित आठ कमरा है, जिसमें 40 लोग रह सकते हैं। नवनिर्मित हॉस्टल आधुनिक संसाधन जैसे टीवी, प्ले रूम आदि से सुस्सज्जित है। इसी तरह सिक्यूरिटी बैरक को अत्याधुनिक बनाया गया है, जिसमें 90 जवान रह सकते हैं। बैरक के अंतर्गत 3 डोरमेट्रीज बनाया गया है। प्रत्येक डोरमेट्रीज में 30 जवान रह सकते हैं।
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