डीएवी ढोरी में मातृ-पितृ पूजन दिवस सोल्लास संपन्न

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बोकारो जिला के हद में मकोली स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल ढोरी में 14 फरवरी को मातृ-पितृ पूजन दिवस हर्ष व उल्लास के साथ मनाया गया।

इस अवसर पर विद्यालय परिसर में प्रातः कालीन प्रार्थना सभा के उपरांत कक्षा एकादश के बच्चे- बच्चियों तथा उनके अभिभावकों के साथ सामूहिक वैदिक हवन किया गया।

तदुपरांत वरीय संभाग में पाश्चात्य संस्कृति की काट करते हुए तथा सनातन भारतीय संस्कृति को जीवित व जीवंत बनाए रखने हेतु वंदना के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मौके पर सभी अभिभावकों को उनके बच्चों ने तिलक लगाया। उनकी आरती उतारी तथा चरण स्पर्श किया। उपस्थित अभिभावकों ने भी खुले हृदय से उन बच्चों को अपना आशीर्वाद दिया।

मातृ-पितृ दिवस के अवसर पर विद्यालय की छात्रा आरती कुमारी के द्वारा भजन प्रस्तुत किया गया। आज के दिवस की महत्ता पर डॉक्टर आर सी झा द्वारा विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला गया।

इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य सत्येंद्र कुमार ने कहा कि वैदिक संस्कृति को पुनर्जीवित करने के लिए इस प्रकार के समारोह को पूरे भारतवर्ष में प्रचारित व प्रसारित करने हेतु सभी भारतवासियों का समवेत प्रयास होना चाहिए। आज के बच्चे इस तरह के कार्यक्रम से संस्कारवान बनेंगे तथा वे परिवार समाज और राष्ट्र की एक अमूल्य धरोहर बनेंगे। ऐसा उन्हें विश्वास है।

उन्होंने कक्षा दशम में 90 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले छात्र छात्राओं को प्रशस्ति पत्र व मेडल देकर सम्मानित किया।
सनद रहे कि बीते दिनों यहां एक कार्यक्रम आयोजित कर इन बच्चों को बोकारो में सम्मानित किया था। परंतु प्रशस्ति पत्र व मेडल बाद में दिए जाने के कारण आज उन बच्चों को सौंप दिया गया।

आज के कार्यक्रम की एक प्रमुख विशेषता यह भी थी कि पुलवामा हमले में शहीद जवानों को विद्यालय के बच्चों ने मोमबत्ती जलाकर श्रद्धांजलि समर्पित की।

इस अवसर पर उपस्थित अभिभावकों द्वारा अलग-अलग मंतव्य प्रकट किए गए। सभी अभिभावकों ने हवन कार्यक्रम की भूरि भूरि प्रशंसा की। कुछ अभिभावकों ने विद्यालय प्रबंधन की इस सोच पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि यहां से सुसंस्कारित बच्चे ऐसे समारोह के माध्यम से परिवार और समाज के स्तंभ बनेंगे।

कार्यक्रम की सफलता में प्रमुख रूप से कक्षा एकादश के बच्चे -बच्चियों की सक्रिय सहभागिता के साथ यहां के शिक्षकों का संस्कार जनित कुशल मार्गदर्शन भी महत्वपूर्ण माना जा सकता है।

इस अवसर पर प्रमुख रूप से मौजूद एलके पाल, मुकेश कुमार, सुशांत पांडेय, ब्रजेश कुमार, संस्कार, अभिषेक कुमार, अशोक पाल, टी पी झा, एस बी सिंह, श्वेता कुमारी, एस के शर्मा, एस सी शुक्ला तथा अन्य शिक्षक शिक्षिका मौजूद थे।

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