सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर (झारखंड)। पश्चिमी सिंहभूम जिला के हद में गुवा खदान सेल, बीएसएल की गुवा लौह अयस्क खदान प्रबंधन द्वारा खदान का उत्पादन समेत अन्य महत्वपूर्ण कार्यों का ठेका आगामी 20-22 वर्षों के लिए प्राईवेट कंपनी को दिये जाने की खबर से सेलकर्मियों व गुवा के तमाम मजदूर संगठनों में भारी आक्रोश है।
मामले को लेकर गुवा खदान में होने जा रहे निजी खनन को लेकर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा व सेल कर्मियों की महत्वपूर्ण बैठक संयुक्त मोर्चा के बैनर तले 14 फरवरी की देर शाम गुवा क्लब में आयोजित किया गया।
बैठक की शुरुआत पुलवामा में हुई घटना को लेकर सबसे पहले एक मिनट का मौन धारण कर सबों ने संवेदना व्यक्त की। इस घटना को देश के लिए एक महत्वपूर्ण क्षति बताते हुए सब को एकजुट रहने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री कोड़ा ने प्रेरित किया।
बैठक में मौजूद मजदूर नेताओं में रामा पांडेय, दुचा टोप्पो, दिलबाग सिंह, राजेश कोड़ा, पंचम जॉर्ज सोय आदि ने बताया कि सेल एक पब्लिक सेक्टर खदान है। सेल प्रबंधन केन्द्र सरकार के साथ मिलकर इस खदान को प्राईवेट ठेका कंपनी के हाथों सौंपकर खदान का उत्पादन से लेकर माल ढुलाई तक का कार्य कराना चाहती है।
इसके खिलाफ झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा व् सांसद गीता कोड़ा तथा हम सभी यूनियन संयुक्त मोर्चा के बैनर तले आगामी 20 फरवरी की सुबह से लगभग 4 बजे गुवा प्रबंधन के जेनरल ऑफिस का जोरदार घेराव व प्रदर्शन करेंगे। गुवा खदान का प्राईवेटाईजेशन के खिलाफ सबो ने मिलकर आखिरी दम तक लडा़ई लड़ने का निर्णय लिया।
बैठक में पूर्व सीएम मधु कोड़ा ने कहा कि श्रम मंत्रालय से संबंधित हमारा जो ठेका अधिनियम के सेक्शन 10 में प्रावधान है कि पब्लिक सेक्टर की खदानों में उत्पादन से संबंधित कोई कार्य प्राईवेट ठेकेदार से नहीं कराना है।
बावजूद इसके सेल प्रबंधन गुवा खदान के उत्पादन से संबंधित ठेका लगभग 22 वर्षों के लिये एमडीओ नामक प्राईवेट कंपनी को दे रही है। इससे सेलकर्मियों व खदान को भारी नुकसान उठाना पडे़गा।
अगर इस पर भी सेल प्रबंधन नहीं माने तो अनिश्चितकाल के लिए सेल का चक्का जाम कर जेनरल ऑफिस में ताला जड़ दिया जाएगा।
इस आंदोलन में पूरे सारंडा क्षेत्र के ग्रामीणों के साथ-साथ सेल कर्मी सेल में होने जा रहे निजीकरण का विरोध करेंगे।
बैठक में मधु कोड़ा, रामा पांडेय, दुचा टोप्पो, दिलबाग सिंह, पंचम जौर्ज सोय, राजेश कोड़ा, राजकुमार झा, अन्तर्यामी महाकुड़, निर्मल जीत सिंह, मनोज बारला, उदय सिंह, भीमसेन गोप, पूर्ण चन्द्र राणा, माधव चन्द्र गागराई, हरीश चन्द्र पान, नारायण सवैंया, दशरथ पान, मन्ना राम, गंगा राम, चन्द्रिका देवी आदि दर्जनो महिला, पुरुष शामिल थे।
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