ईमानदारी की मिसाल बना ऑटो ड्राइवर


मुश्ताक खान/ मुंबई। ऑटो रिक्शा ड्राइवर ने एक इंजीनियरिंग की छात्रा का आईफोन उसके घर तक पहुंचा कर अपनी ईमानदारी का सबूत दिया है। भागती दौड़ती मुंबई में किसी अनजान लड़की को तलाश करना और उसे उसका खोया हुआ मोबाइल फोन लौटने के लिए रिक्शा ड्राइवर मोहम्मद आजम को काफी जद्दोजहद करनी पड़ी।

मिली जानकारी के अनुसार इंजीनियरिंग की छात्रा अंधेरी के डी एन नगर स्थित इंडियन ऑयल नगर की रहने वाली है। वह ऑटो रिक्शा क्रमांक.MH-03 CG 3774 से अपनी बहन के घर पवई जा रही थी। इस दौरान उसने पवई में ऑटो रिक्शा छोड़ दिया और कुछ खरीददारी करने के बाद दूसरा रिक्शा लेकर बहन के घर पहुंची तभी उसे अहसास हुआ कि उसका मोबाइल गुम (मिसिंग) हो चुका है। यह जानकारी उसने अपनी बड़ी बहन को दी।

उसकी बड़ी बहन एयर इंडिया में पायलट हैं। इन दोनों बहनों ने मोबाइल खो जाने की जानकारी अपने पिता संजय सहाय व मां इरा संजय सहाय को दी। इसके बाद सभी ने मि

सयूज होने के डर से मोबाइल कंपनी से उक्त कार्ड को बंद करने का आग्रह किया। इसकी शिकायत पवई पुलिस स्टेशन व मोबाइल कंपनी ने दर्ज करते हुए उक्त मोबाइल नंबर को बंद कर दिया। वही दूसरी तरफ ऑटो चालक मोहम्मद आजम मोबाईल के मालिक को उसकी अमानत लौटने के लिए काफी जद्दोजहद कर रहा था। इस दौरान बैटरी समाप्त होने से मोबाइल स्विच ऑफ हो गया।

इससे चालक मो.आजम और भी परेशान हो गया। यह घटना भारी बारिश के दौरान रविवार शाम की है। इस कड़ी में दिलचस्प बात यह है कि छात्रा अपने मोबाइल के गुम होने से सदमें में थी, वहीं ऑटो चालक आज़म इस मोबाइल को लौटाने के लिए परेशान था। ऑटो चालक ने एक नया मोबाइल चार्जर खरीदा और चार्ज में लगा दिया। बात इतने से खत्म नही हुई, मोबइल चार्ज होने के बाद लॉक का मसला सामने आया। चूंकी मोबाइल आईफोन का लेटेस्ट मॉडल था, इसलिए लॉक खोलना नामुमकिन हो गया। ऑटो चालक आज़म के अनुसार इस मोबाइल का लॉक खुलवाने के लिए उसने काफी मशक्कत की लेकिन वह नाकाम रहा।

इस तरह समय बीतता जा रहा था, इंजीनियरिंग की छात्रा की बेचैनी बढ़ती जा रही थी। क्योंकि उसकी पढ़ाई से संबंधित डेटा और कई पासवर्ड उसी आईफोन में थे। वहीं दूसरी तरफ घाटकोपर निवासी ऑटो चालक ने नई तरकीब सोची और आईफोन का सिमकार्ड निकाल कर दूसरे मोबा

ईल में डाला, तो उसने सिमकार्ड में सेव किए नंबर पर कॉल किया। यह छात्रा का ही दूसरा मोबाइल नंबर था। इस बार ऑटो चालक बहुत खुश हुआ क्योंकि अब वह कामयाबी की तरफ बढ़ रहा था। सिमकार्ड के नंबर पर उसने कॉल किया, इत्तेफाक से उस कॉल को छात्रा ने उठाया। दूसरी तरफ से चालक ने बताया कि आपका खोया हुआ मोबाइल मेरे पास है।

इतना ही नहीं चालक आजम ने अपना पता भी बताया की आप अपना मोबाइल मुझसे ले जाओ। इस खुशखबरी से इंजीनियरिंग की छात्रा खुशी से झूम उठी और अपनी मां के गले से लिपट गई। छात्रा ने कहा कि मुझे यकीन था कि मेरा मोबाइल मिल जाएगा। बता दें कि रविवार की शाम गुम हुए मोबइल का पता बुधवार को मिला। बुधवार की देर रात छात्रा और उसकी मम्मी अंधेरी से पवई पुलिस स्टेशन आकर अपना फ़ोन आज़म से लिया। अपना खोया हुआ मोबाइल पाकर छात्रा बेहद खुश हुई , उसने ऑटो चालक को थैंक्स कहा, और उसकी ईमानदारी को सैल्यूट किया। वहीं उसकी मम्मी ने ईमानदारी का बतौर तोहफा मुट्ठी बंद करीब दो हजार रुपये और मोबाइल चार्जर की कीमत अदा की। श्रीमती इरा संजय सहाय ने कहा कि कलयुग में भी ईमानदारों की कमी नही है। उन्होंने रिक्शा चालक को बधाई देते हुए, सुखद जीवन की कामना की।

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