जिला प्रशासन ने 9 फरवरी को दलितों का घर तोड़ने का कराया ऐलान

पुस्तैनी बसे परिवारों ने बगैर वैकल्पिक व्यवस्था के हटने से किया इनकार

एस. पी. सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। समस्तीपुर जिला के हद में ताजपुर प्रखंड के गौसपुर सरसौना पंचायत के मुर्गियाचक से रहीमाबाद के बहादुरनगर तक पुस्तैनी बसे सैकड़ों दलित- भूमिहीन परिवारों से 8 फरवरी तक जमीन खाली कर देने अन्यथा 9 फरवरी को प्रशासन द्वारा खाली कराने के ऐलान से खलबली मच गयी है।

आनन- फानन में बसे परिवारों ने बैठक कर बगैर वैकल्पिक व्यवस्था के जमीन पर से घर हटाने से इनकार कर दिया। इस निर्णय से अंचल प्रशासन एवं दलितों से बीच घर तोड़ने के दिन 9 फरवरी को टकराव की संभावना है।

इस संबंध में भाकपा माले ताजपुर प्रखंड सचिव सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि प्रखंड के अंदर बीघा के बीघा सरकारी जमीन पर रसुखदारों का कब्जा है। अदालत के आदेश के बाबजूद सरकारी सड़क को खाली कराकर चालू नहीं कराया जा सका। उन्होंने बताया कि बहादुर नगर में सरकारी जमीन पर धर्मकांटा, गैस गोदाम, दुकान, मकान, बाउंड्री वाल है। इसे नहीं हटाया जा रहा है।

माले नेता सुरेंद्र ने कहा कि माले प्रतिनिधिमंडल सीओ से मिलकर बीते 10 जनवरी को स्मार-पत्र सौंपकर वार्ता करने गई थी, लेकिन सीओ कार्यालय छोड़कर फरार हो गयी। अब पुस्तैनी बसे परिवारों को बगैर मापी, बगैर वैकल्पिक व्यवस्था किये अंचल प्रशासन हटाने का फरमान जारी की है। यह अन्याय है।

इसके खिलाफ भाकपा माले संघर्षरत दलित परिवार के साथ है। माले नेता ने पोखर के भिंडे, सरकारी जमीन पर पुस्तैनी बसे परिवारों को पर्चा, पर्चाधारी को कब्जा, भूमिहीनों को वास भूमि, आवास एवं दलित बस्ती में पहुंच पथ बनाने की मांग को लेकर आगामी 14 फरवरी को मुख्यमंत्री के ताजपुर आगमन पर जुलूस निकालकर मांग पत्र सौंपे जाने की घोषणा की।

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