एन. के. सिंह/फुसरो (बोकारो)। बोकारो जिला के हद में नगर परिषद फुसरो द्वारा स्थानीय बाजार में लगाए गए पेबर ब्लॉक के अंदर लगाए गए फुटकर दुकानदारों को हटाने की घोषणा के बावजूद व्यवसायी हटने का नाम नहीं ले रहे हैं। इसे लेकर 7 फरवरी को पेबर ब्लॉक के बाहर झोपड़ी बनाकर जीविकोपार्जन करने वाले दुकानदारों को जेसीबी से हटा दिया गया। ऐसे में दुकानदार जाए तो कहां जाए। किसे सुनाए अपनी व्यथा।
जानकारी के अनुसार अतिक्रमण हटाने की इस घटना से फुसरो बाजार के व्यवसायी खास कर फुटकर और झोपड़ी बनाकर अपनी जीविकोपार्जन करने वाले व्यवसायियों में दहशत फैल गया है। बताया जाता है कि नगर प्रशासन की कार्रवाई के बाद से फुसरो से सभी नेता और जनप्रतिनिधि अंडरग्राउंड हो गए हैं। नगर प्रशासन के तोड़ू दस्ते के साथ में बेरमो पुलिस भी थी। नेतृत्व बेरमो थाना के अवर निरीक्षक गुलशन कुमार कर रहे थे।
इस संबंध में सांसद प्रतिनिधि सह आजसू पार्टी के नेता महेंद्र चौधरी ने कहा कि मैंने बेरमो के अंचलाधिकारी सह नगर परिषद फुसरो के कार्यपालक पदाधिकारी मनोज कुमार से बात किया। जबाब में नगर प्रशासक ने कहा कि पेबर ब्लॉक के बाहर के दुकानों व् होर्डिंग आदि को तोड़ने का उन्होंने कोई आदेश नहीं दिया है। फिर भी पेबर ब्लॉक के बाहर बने दुकानों की झोपड़ी नुमा दुकान तोड़े गए।
जानकारी के अनुसार युवा व्यवसायी संघ 6 माह तक संरक्षकों द्वारा इसे चलाने की घोषणा की गई लेकिन एक भी संरक्षक इस दौरान नजर नहीं आए। इधर नगर परिषद पेबर ब्लॉक के अंदर लगने वाले सभी फुटकर दुकानदारों को हटाने की बात कही है।
दूसरी ओर नगर परिषद का कहना है कि पीडब्ल्यूडी 50 फीट बीच सड़क से हटाएगा, लेकिन दुकानदारों का कहना है कि जहां भीड़ नहीं हो और जहां राहगीरों को चलने में कोई परेशानी नहीं हो वहां 50 फीट हटाने का क्या तुक है। क्या मानवाधिकार कोई चीज नहीं है।
एक ओर झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार बेरोजगारों को रोजगार और ना ही वैकेंसी निकालकर नौकरी दे रही है। ऐसे में क्या यहां के बेरोजगारों को जीने का भी अधिकार नहीं है?
अतिक्रमण हटाने की इस घटना को देख व्यवसायी संघ के निवर्तमान अध्यक्ष आर उनेश ने प्रभारी कार्यपालक पदाधिकारी सह अंचलाधिकारी से मिल कर इस समस्या को देखते हुए बेरोजगार दुकानदारों को ध्यान में रखकर कार्रवाई करने की बात कही।
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