सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर (झारखंड)। डीएवी सेंटर ऑफ एकेडमिक एक्सीलेंस नई दिल्ली के तत्वधान में झारखंड ए जोन जमशेदपुर संभाग द्वारा तीन दिवसीय शिक्षण जागरूकता कार्यक्रम का समापन 5 फरवरी को किया गया। सेमिनार में कुल 220 शिक्षकों ने भाग लिया।
शिक्षा का अलख जगाने के उद्देश्य से डीएवी सेंटर ऑफ एकेडमिक एक्सीलेंस नई दिल्ली के तत्वधान में झारखंड ए जोन जमशेदपुर संभाग छह स्कूलों में डीएवी गुवा, चिड़िया, नोआमुंडी, झींकपानी, बहरागोड़ा एवं एनआईटी आदित्यपुर (जमशेदपुर) के 220 शिक्षकों की आयोजित तीन दिवसीय कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम का समापन 5 फरवरी को किया गया।
जिसमें सहायक रीजनल ऑफिसर ओपी मिश्रा ने बताया कि वर्तमान में नई शिक्षा नीति में आए बदलाव की चर्चा एवं योजना की जानकारी शिक्षकों को देना अनिवार्य है। इसमें कहा गया कि योजना को कैसे स्कूलों में क्रियान्वित किया जाय, ताकि पठन-पाठन कार्यक्रम सरल हो सके। बच्चों में अच्छा इंसान बनाने के लिए नैतिक मूल्य को शिक्षा से जोड़ा जाना अत्यंत अनिवार्य है।
सहायक रीजनल ऑफिसर मिश्रा ने बताया कि तीन दिवसीय शिक्षण जागरूकता कार्यक्रम में प्रायोगिक प्रशिक्षण, विभिन्न विषयों के सिलेबस परिवर्तन के साथ नई शिक्षा नीति में बदलाव की बहुत सारी जानकारी पर परिचर्चा की गई।
परिणाम स्वरूप शिक्षा के बदलते स्वरूप को शिक्षक स्वाभाविक रुप से बच्चों के बीच नए सिरे से प्रायोगिक विधि से प्रस्तुत करने में कारगर हो सकेगे। उन्होंने बताया कि सारे मास्टर ट्रेनर, प्रशिक्षिका व रिसोर्स पर्शन द्वारा नई शिक्षा नीति के तहत विषयों को रोचक तरीके से पढ़ाने की विधि प्रस्तुत की गई। जिससे प्रशिक्षण ले रहे शिक्षकों में अपने विषयो के प्रति उत्साह देखा गया।
शिक्षाविद प्राचार्यों में डीएवी गुवा के प्राचार्य डॉ मनोज कुमार पांडेय, डीएवी चिरिया के प्राचार्य एस.के झा, डीएवी झींकपानी के प्राचार्य एस.के.पाठक, डीएवी नोवामुंडी के प्राचार्य प्रशांत कुमार भुइया एवं डीएवी बहरागोड़ा के प्राचार्य अनूप कुमार खासतौर पर शामिल होकर शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुआयना किया।
बीते दिनों के प्रशिक्षण शिविर में मास्टर ट्रेनर के अतिरिक्त रिसोर्स पर्सन एनआईटी प्रोफेसर द्वारा भी शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया था।शिक्षा में बच्चों को किस प्रकार प्रेरित कर कठिन से कठिन विषयों को सरल तरीके से पढ़ाया जाय, इस पर खास तौर से चर्चा की गई।
लेजर किरणों द्वारा सरलता पूर्वक परावर्तन के नियम उत्तल लेंस और प्रज्वलित मोमबत्ती द्वारा विभिन्न स्थितियों की प्रतिबिंब को दर्शाया गया। इसमें जल का अपघटन की प्रक्रिया वायुमंडल में दबाव व अन्य प्रायोगिक क्रियाएं दिखाई गई। विज्ञान के साथ-साथ अन्य विषयों की वर्गीकृत कक्षा मे भी प्रायोगिक प्रशिक्षण काफी कारगर एवं सराहनीय रहा।
समापन कार्यक्रम के अवसर पर धन्यवाद झापन डीएवी बहरागोड़ा के प्राचार्य अनूप कुमार ने दी। उन्होने कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों के भविष्य को उज्जवल करने के लिए दिशा निर्देश दिए।
मौके पर सभी विद्यालय के प्रतिनिधि शिक्षकों में शिक्षिका सुजाता पॉल, सोमा दास गुप्ता, आकांक्षा सिंह, प्रियंका कुमारी, कर्ण सिंह, श्रीष्टि शर्मा, विश्वनाथ तिवारी, वृजेश पांडेय व अन्य ने अपने विचार व्यक्त कर प्रशिक्षण के अनुभव को सांझा किया।
कार्यक्रम के अन्त में शांति पाठ कर कार्यक्रम की समाप्ति की घोषणा की गई। कार्यक्रम के दौरान चित्रांकन विषय आधारित चित्रकला का प्रदर्शनी लगाया गया जिसमें अद्भुत कलाकृति की प्रस्तुति चित्रकला शिक्षकों ने की।
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