स्कूल मस्जिद और मंदिर से भी ज्यादा पवित्र स्थान-एआरओ
सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर (झारखंड)। झारखंड ए जोन जमशेदपुर संभाग के क्षेत्रीय सहायक रीजनल ऑफिसर (एआरओ) ओपी मिश्रा ने 5 फरवरी को साक्षात्कार में बताया कि क्षमता संवर्धन कार्यशाला शिक्षकों के माध्यम से बच्चों के शिक्षा के विकास में सहयोगी सिद्ध होगा।
उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में डीएवी ज्ञान रुपी सुगंध बिखेर रही है। भारत के प्राचीन परंपरा एवं संस्कृति को जीवंत करने में उक्त संस्था अग्रसर है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई, पूर्व प्रधानमंत्री इंद्रकुमार गुजराल, खिलाड़ी महेंद्र सिंह धोनी, कपिल देव, वीर क्रांतिकारी सरदार भगत सिंह, वैज्ञानिक कल्पना चावला, क्रिकेटर युवराज सिंह जैसे महान विभुति दयानंद एंग्लो वैदिक (डीएवी) संस्था के धरोहर हैं।
एआरओ मिश्रा ने कहा कि डीएवी संस्था राष्ट्रीय स्तर पर ज्ञान रूपी आभूषण से बच्चों को अलंकृत कर रही है। संस्था के बढ़ते चरण एवं बच्चों के विकास को देख स्वाभाविक रूप से कहा जा सकता है कि शिक्षा के क्षेत्र में डीएवी संस्था की ज्ञान रूपी मशाल पूरे देश मे जल रही है।
मिश्रा ने बताया कि शिक्षा का उद्देश्य बच्चों में अच्छा संस्कार देना, उन्हें मानव बनाना है। स्कूल का माहौल ऐसा होना चाहिए कि बच्चों के कंपन में शिक्षा दिखाई पड़े। स्कूल शिक्षा का वह केंद्र है जो मंदिर और मस्जिद से भी ज्यादा पवित्र है। उन्होंने बताया कि जो शिक्षा स्कूल में मिलती है, वह मंदिर और मस्जिद में भी नहीं मिल सकती हैं।
स्कूल मस्जिद और मंदिर से भी ज्यादा पवित्र स्थान होता है।जहां ईश्वर की सबसे अनमोल कृति नन्हे- नन्हे बच्चे एक अच्छे इंसान, भविष्य के निर्माता बनते हैं। उन्होंने कहा कि डीएवी संस्था का मूल उद्देश्य समाज के सिद्धांतों पर चलना और सही मायने में एक आर्य भारत बनाना है।
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