महोत्सव में दिल्ली के उप सचिव सुमन कुमार किए गये सम्मानित
एस. पी. सक्सेना/पटना (बिहार)। हृषिकेश सुलभ द्वारा लिखित नाटक बटोही का मंचन 2 फरवरी को 37वां पाटलिपुत्र महोत्सव के अवसर पर बिहार की राजधानी पटना में किया गया। महोत्सव में संगीत नाटक एकेडमी नई दिल्ली के उप सचिव सुमन कुमार को सम्मानित किया गया।
उन्हें बिहार के कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री जितेंद्र कुमार राय तथा पूर्व मंत्री व् सांसद श्याम रजक ने सम्मानित किया। उक्त जानकारी कलाकार साझा संघ के सचिव मनीष महीवाल ने दी।
महीवाल ने बताया कि अभिनेता, निर्देशक व् नाटक प्रबंधक अभय सिन्हा के निर्देशन में बटोही नाटक का मंचन किया गया।
महिवाल ने बताया कि प्रस्तुत नाटक बटोही में एक नाई से लेकर जननायक बनने की भिखारी ठाकुर की लम्बी रचनात्मक यात्रा का आख्यान है।
निम्न जाति का होने के कारण उनके साथ किए गए दुर्व्यवहार के अतिरिक्त उनकी पत्नी और बच्चे की असामयिक मृत्यु, युवा भिखारी ठाकुर के लिए असहनीय सिद्ध होती है। वे अपने पैतृक गांव कुतुबपुर को छोड़ कर फतेहपुर में बस जाते हैं।
बाद में वे मंतुरनी से विवाह करते हैं। अपने पुत्र और पुत्री के जन्म के बाद दम्पत्ति वापस अपने पुश्तैनी गांव लौटते हैं। उनकी वापसी के बाद शीघ्र ही गाँव भयंकर सूखे की चपेट में आ जाता है। अपने परिवार को वहीं छोड़कर वे खड़गपुर आ जाते हैं।
अंततः कलकत्ता पहुंचते हैं। एक बार कलकत्ता से लौट आने के बाद वे रामलीलाओं का आयोजन शुरू करते हैं। बाद में ग्रामीण समुदाय की संवेदना को जगाने वाले विषयों और कथानकों को उठाते हुए स्वयं के समूह नाच पार्टी की स्थापना करते हैं। अपने नाटकों से वे जल्द ही लोकप्रिय हो जाते हैं और अपने जीवनकाल में ही वे एक किंवदंती बन जाते हैं।
प्रस्तुत नाटक में रामानंद सिंह- राजेश पांडेय, भिखारी ठाकुर- नीलेश्वर मिश्र, दलसिंगार ठाकुर- अनिल वर्मा, शिवकली-डॉ अंजू चंद्रा, बहोर ठाकुर-अतिश कुमार, मनतुरनी-सोमा चक्रवर्ती, मिसिर जी, मुखलाल-अमिताभ रंजन, बाबूलाल संजय सिंह, जगदेव, स्वरूप-आशुतोष कुमार, जगधारी, रामदेव बिंद, गोरख, जूठन, ओमप्रकाश, बंगाली, आदि।
युवा, छबोला-अतीश कुमार, भगवान साह, सोमारू, पारस चौधरी-अरविंद कुमार, कमला बबुनी-अर्पिता घोष, तिवारी बहू-शिखा कुमारी, मोती बहू -मोनी ठाकुर, बुचिया-प्रीति कुमारी, बुचिया के पिता-रतन कुमार, बुचिया का माई, बूधन संजय कुमार तथा अराध्या ने छोटी बेटी का किरदार निभायी है।
जबकि रूप सजा-संजय कुमार, वस्त्र विन्यास-सोमा चक्रवर्ती तथा अभय सिन्हा, वस्त्र एवं नाट्य सामग्री प्रभारी-रतन कुमार तथा अमिताभ रंजन, अतीश कुमार के अलावा हरमोनियन एवं गुख्य गायक रामकृष्ण सिंह, बांसुरी-समीर कुमार, ढोलक-दिनेश कुमार, गायिका-शिखा कुगारी, मोनी कुमारी, अर्पिता घोष, आदि।
निर्देशन सहयोग-सोमा चक्रवर्ती तथा संजय सिंह, मंच परिकल्पना-उमेश शर्मा, सहयोग मंच सज्जा-सुनील कुमार शर्मा, प्रकाश परिकल्पना- रौशन कुमार, संगीत परिकल्पना- नीलेश्वर मिश्रा, संगीत निर्देशक- रामकृष्ण सिंह का उक्त नाटक को सफल बनाने में सराहनीय योगदान रहा।
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