डीपी, एसपी, न्यायिक पदाधिकारी सहित अन्य विभागों के वरीय पदाधिकारी हुए शामिल
एस. पी. सक्सेना/बोकारो। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार नई दिल्ली तथा झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार राँची के निर्देशानुसार प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार की अध्यक्षता में 28 जनवरी को जिला विधिक सेवा प्राधिकार बोकारो की ओर से न्याय सदन सभागार में जिला स्तरीय मल्टी स्टेक होल्डर कंसलटेशन विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला का उद्घघाटन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार बोकारो कुमारी रंजना अस्थाना द्वारा न्याय सदन बोकारो में जिला उपायुक्त कुलदीप चौधरी, पुलिस अधीक्षक चन्दन कुमार झा, आदि।
प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय आलोक कुमार दुबे, पीठासीन पदाधिकारी श्रम न्यायालय अनुज कुमार, पोक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश राजीव रंजन, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अनिमेष चौधरी और सचिव एम के श्रीवास्तव ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया।
इस अवसर पर प्रधान न्यायाधीश, कुटुम्ब न्यायालय, पीठासीन पदाधिकारी श्रम न्यायालय, जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम बोकारो पवन कुमार, जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश तृतीय बोकारो राजीव रंजन, जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ योगेश कुमार सिंह, अपर मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी लुसी सोसेन तिग्गा, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार बोकारो नीभा रंजना लकड़ा, आदि।
प्रभारी न्यायाधीश व्यवहार न्यायालय बोकारो प्रशान्त गुप्ता एवं अन्य न्यायिक पदाधिकारीगण, बोकारो अधिवक्ता संध के अध्यक्ष एंव अन्य अधिवक्तागण, सरकारी विभागों के पदाधिकारीगण, पुलिस विभाग के पदाधिकारीगण, कर्मचारीगण, पीएलवी आदि उपस्थित थे।
इस अवसर पर पीडीजे कुमारी रंजना अस्थाना ने कहा कि पोक्सो एक्ट लागू होने में 10 वर्ष से अधिक का समय हो चुका है। इसके बावजूद हमारे देश और समाज में छोटे-छोटे बच्चों के बीच लैंगिक अपराधों में कमी नहीं हो रही है।
बच्चों को लैंगिक अपराधो से बचाने के लिए कानून के साथ-साथ इसके सभी स्टेकहोल्डर्स को भी संवेदनशील होकर कार्य करने की जरूरत है। इसी को ध्यान में रखते हुए नालसा और झालसा की ओर से कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि अपने बच्चों से हर छोटी-बड़ी समस्या के बारे में पूछे और उनसे मित्रता पूर्वक व्यवहार करें।
उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि समाज के सभी सभ्य जनों के लिए गंभीर चिंतन का विषय है। न्याय प्रशासन और जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से यह कार्यक्रम कराया जा रहा है। यह बहुत ही सराहनीय और महत्वपूर्ण है।
इसमें पोक्सो अधिनियम से संबंधित सभी स्टेकहोल्डर्स को एक मंच पर उपस्थित होकर इस अधिनियम की बारीकियों के बारे में अपनी समझ बढ़ाने का एक अवसर प्रदान किया गया है। पुलिस अधीक्षक चन्दन झा ने कहा कि प्रशासन को सदैव इस प्रकार के गंभीर और जघन्य अपराध के प्रति संवेदनशील होकर कार्य करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि पोक्सो अधिनियम के तहत पुलिस विभाग के लिए निर्दीष्ट किए गए प्रावधानों का अनुपालन करने को पुलिस तत्पर है।
श्रम न्यायालय अनुज कुमार ने अभिभावकों तथा शिक्षको से अपने घरों और विद्यालयों में बच्चों को इस अधिनियम की बेसिक जानकारी देने की अपील की, ताकि बच्चें स्वयं जागरूक होकर इस प्रकार के अपराध से बच सके।
पोक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश राजीव रंजन ने पोक्सो केस की जांच में पुलिस पदाधिकारियों, चिकित्सकों, विशेष लोक अभियोजन, प्रोबेशन पदाधिकारी सहित अन्य गणमान्यों की भूमिका तथा उनके क्षमता संवर्धन के बारे में जानकारी दी। उन्होेने जांच के दौरान तकनीकी साक्ष्यों के इस्तेमाल के लिए प्रेरित किया। उक्त जानकारी जिला विधिक सेवा प्राधिकार बोकारो के सचिव नीभा रंजना लकड़ा द्वारा दी गई।
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