मॉनसून का कहर मुंबईकरों पर


34 दिनों में 31 की मौत

मुंबई। इस वर्ष मूसलाधार बारिश के दौरान लोगों के बह जाने, पेड़ की चपेट में आने और बिजली के झटके से मौत की खबरों ने मुंबईकरों को हिला कर रख दिया है। क्योंकि 1 जून से 4 जुलाई के बीच 34 दिनों में ऐसे मामलों में 31 लोगों को जान गंवानी पड़ी। मिली जानकारी के अनुसार मूसलाधार बारिश में 19 मामले लोगों के बह जाने के दर्ज हुए हैं। वर्ष 2017 में 1 जून से 4 जुलाई के बीच हुए हादसों में 23 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। इस साल इसी अवधि में 8 मौतें अधिक हुई है। इस अवधि में केवल पेड़ गिरने या टहनी की चपेट में आने से 16 लोगों की मौत हुई है।

गौरतलब है कि मनपा हर साल मॉनसून से पहले पूरी तैयारी होने का दावा करती है, लेकिन हादसों की संख्या को देखकर यह दावा बेमानी है। लोगों के बह जाने के मामलों में अवसर लापरवाही या खुले ढक्कन पर दोष मढ़ा जाता है। जबकि जनता की शिकायतों को प्रशासन द्वारा हमेशा नजरअंदाज किया जाता रहा है। ताजा वाकया जुहू चौपाटी का है यहां 4 युवा बह गए।

जुहू चौपाटी पर गुरुवार शाम 5:31 बजे 5 युवा बह गए। लाइफगार्ड की मदद से वसीम खान (22) को बचा लिया गया। खबर लिखे जाने तक चार लड़कों में से तीन लड़कों का शव मिल गया है, जबकि की तलाश चल रही है। ये सभी जुहू चौपाटी पर नहाने गए थे। डूबने वाले लड़कों में फरदीन (17), शकील खान (17), फैजल शेख (17) और नजीर गंची (17) को खोजने का कार्य चल रहा था।



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