केंद्र की बहुप्रतीक्षित 25 जनवरी को “परीक्षा पे चर्चा” प्रतियोगिता

शिक्षण निरीक्षक बृहन्मुंबई उत्तर विभाग के फरमान से छात्र -स्कूल परेशान

मुश्ताक खान/मुंबई। बृहन्मुंबई उत्तर विभाग शिक्षण में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। जिसके कारण इस विभाग में काम कम और अभिभावकों सहित स्कूल वालों को प्रताड़ित होना पड़ता है। बतादें कि इस विभाग में बतौर शिक्षण निरिक्षक उर्मिला पारधे हैं। पारधे ने 23 जनवरी को एक फरमान जारी किया है, इससे स्कूल वालों के साथ – साथ अभिभावकों की मुश्किलें बढ़ गई है।

उक्त फरमान में कहा गया है कि 9वीं से 12 तक के छात्रों को 25 जनवरी की सुबह 8 से 10 बजे तक “परीक्षा पे चर्चा” में शामिल होना है। साथ ही चित्रकला प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए पूरी तैयारी के साथ विभाग द्वारा तय स्कूल में पहुंचना है। पारधे के इस फरमान से अधिकांश स्कूल वालों में नाराजगी देखी जा रही है।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार (Central Government) की बहुप्रतीक्षित “परीक्षा पे चर्चा” के तहत 25 जनवरी को चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। इस संदर्भ में आयुक्त (शिक्षण) महाराष्ट्र राज्य पुणे को जा. क्र. आशिका /PPC/2023 दिनांक 21/01/2023, स्कूली मंत्री शिक्षण व साक्षरता विभाग भारत सरकार, नवी दिल्ली द्वारा 10 जनवरी 2022 को शिक्षण बृहन्मुंबई उत्तर विभाग को पत्र दिया गया था।

लेकिन विभाग की ढिलाइयों के कारण “परीक्षा पे चर्चा” की सुचना स्कूल प्रबंधन और छात्रों को 23 जनवरी की शाम को मिली। उक्त पत्र के अनुसार चित्रकला प्रतियोगिता विषय पर होगी। इस प्रतियोगिता में G-20 यानि भारत विश्वगुरु बनाने की राह पर है। इसमें आजादी का अमृत महोत्सव, सर्जिकल स्ट्राईक, कोरोना लसीकरण के दौरान अव्वल रहा, आदि मुद्दों पर होगी।

“परीक्षा पे चर्चा ” से परेशान स्कूल वाले और छात्र

बताना चाहते हैं कि बृहन्मुंबई उत्तर विभाग कि शिक्षण निरिक्षक उर्मिला पारधे के कार्यों पर सवाल उठने लगे हैं। अब वो शिक्षण निरिक्षका की भूमिका में कम दिखाई देती हैं। उनहोंने जो फरमान जारी किया है इससे विभिन्न स्कूलों के संचालक मंडल और विषय से जुड़े शिक्षक परेशान हैं। क्योंकि इस तरह की प्रतियोगिताओं में काफी तैयारी करनी पड़ती है।

एक अभिभावक ने नाम न छपने की शर्त पर बताया की भारत सरकार की चित्रकला प्रतियोगिता काफी महत्वपूर्ण है। इसमें छात्रों को हिस्सा लेना ही चाहिए। लेकिन इस प्रतियोगिता के लिए जो तैयारी चाहिए, “वो” किसी छात्र ने नहीं की होगी।

ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है, इससे मिलते जुलते कई कार्यक्रम हैं, जो शिक्षण निरिक्षक उर्मिला पारधे द्वारा अचानक कहा जाता है। इसी तरह एक स्कूल प्रबंधन द्वारा कहा गया की पारधे स्कूलवालों या छात्रों की समस्याओं से अवगत होने के बावजूद परेशान करती हैं।

मैडम की मनमानी के खिलाफ एक जुट होते स्कूल वाले

उल्लेखनीय है कि शिक्षा के क्षेत्र में बृहन्मुंबई उत्तर विभाग का दायरा चेंबूर से मुलुंड तक फैला हुआ है। इस परिसर में बड़ी संख्या में स्कूल और कॉलेज हैं। जहां फिलहाल शिक्षण निरीक्षक उर्मिला पारधे की मनमानी चल रही है। इस विभाग के अधिकांश स्कूल संचालक और प्रधानाचार्य नहीं चाहते की पारधे यहां रहें।

बताया जाता है कि हाल के दिनों में हुए बृहन्मुंबई उत्तर विभाग के विज्ञान प्रदर्शनी के दौरान काफी अनियमितता देखी गई। इसके आलावा इस विभाग में कूट कूट कर भ्रष्टाचार फैला है। बतादें कि चेंबूर का शिक्षण विभाग मुलुंड तक फैला है।

इस विभाग के सभी विधालयों को बृहन्मुंबई उत्तर विभाग के विज्ञान प्रदर्शनी में शामिल किया गया था। सूत्रों ने शक जताया है कि ट्राफी की खरीददारी और प्रशस्तिपत्र बनवाने में भी बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। इसकी जाँच होनी चाहिए।

मैडम के विभाग की खासियत

बृहन्मुंबई उत्तर विभाग अंतर्गत आने वाले स्कूलों की फाइलों को पास करने के मुद्दे, संस्थाओं और शिक्षकों को भी इस विभाग द्वारा काफी परेशान किया जाता है। इसके अलावा अल्पसंख्यक स्कूलों की फाइलें गम हो जाती हैं या उन्हें ठंढे बस्ते में डाल दिया जाता है।

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