ममता सिन्हा/तेनुघाट (बोकारो)। गिरिडीह शहर के गौरव कबीर ज्ञान मंदिर के प्रांगण में सद्गुरु विवेक साहब निर्वाण महोत्सव -सह- गुरु गोविंद धाम स्थापना दिवस का भव्य आयोजन 23 एवं 24 जनवरी को आयोजित किया गया है। इस अवसर पर दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित है।
प्रथम दिवस सदगुरु कबीर साहब द्वारा रचित साखी ग्रंथ का सस्वर अखंड पाठ, तत्पश्चात पावन समाधि में चादर अर्पण एवं सदगुरु मां द्वारा लिखित गीता ज्ञान दर्पण का लोकार्पण किया जाएगा।
द्वितीय दिवस कार्यक्रम में सदगुरु विवेक साहब की समाधि का पूजन वंदन एवं दोपहर बेला में भजन, उपदेश, नन्हे-मुन्ने बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति एवं नाट्य मंचन होगा। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण केंद्र सदगुरू मां ज्ञान का दिव्य उद्बोधन होगा।
जानकारी के अनुसार कबीर ज्ञान मंदिर के पावन प्रांगण में स्थित गुरु गोविंद धाम में अलौकिक समाधी दिव्य और श्रद्धा का केंद्र है। यहां सच्चे मन से की गई प्रार्थना अवश्य पूरी होती है। विवेक साहब महाराज सदगुरु मां ज्ञान के पूज्य गुरुदेव थे।
जिन्होंने गिरिडीह सिहोडीह की धरती पर माघ शुक्ल तृतीया को अपने पंच भौतिक काय कलेवर का त्याग कर पंचतत्व में विलीन हुए थे।
वे कहा करते थे गुरु कुम्हार शिष्य कुंभ है, चुनी चुनी काढ़े खोट।
भीतर हाथ सहाय दे, बाहर मारे चोट।
याद रख लेना, ऊपर से गुरु कितने भी कठोर प्रतीत होते हों, लेकिन अंदर से उनके समान प्रेम करनेवाला, उनके जैसा हितेच्छुक कोई नहीं है। वे चोट मारते हैं, कठोर होते हैं, इसलिए कि वे तुम्हें दोष-दुर्गुणों और अहंकार से मुक्त करना चाहते हैं।
खान से निकले हुए सोने से गहने-जेवर नहीं बनाए जा सकते। जब मिट्टीयुक्त स्वर्ण को भट्टी में पकाया जाता है तो मिट्टी अलग और स्वर्ण अलग हो जाता है, तब सोना कीमती हो जाता है।
कुम्हार के द्वारा बनाए गए बर्तन आवे में चढ़कर ही उपयोगी बनते हैं। गंदे कपड़े में रंग नहीं चढ़ता और कपड़े को साफ होने के लिए कुटाई-धुलाई से गुजरना ही पड़ता है। जो गुरु के उपदेशों में ना-नुकुर करते हैं। गुरु के आदेशों को मानने में कोतराही बरतते है। उसमें मीन-मेख निकालते हैं। तर्क-वितर्क करते हैं। उन्हें मंजिल तक पहुंचने में बहुत विलंब होता है।
परम सद्गुरु मां ज्ञान द्वारा लिखित विलक्षण ग्रंथ गीता ज्ञान दर्पण षष्ठ खंड का विमोचन अत्यंत प्रसन्नता के साथ सूचित किया जा रहा है कि ब्रह्मज्ञानी तत्वदर्शी सिद्ध संत सदगुरु माँ ज्ञान द्वारा लिखित श्रीमद्भगवद् गीता का अद्भुत और विलक्षण भाष्य का छठा खण्ड छप गया है।
गूढ़ता में सरलता, सरलता में विलक्षणता और विलक्षणता में दिव्यता को अपने में समेटे “गीता ज्ञान दर्पण खण्ड 6” का विमोचन 23 जनवरी की संध्या 5 बजे होने जा रहा है। सद्गुरु द्वारा लिखित गीता ज्ञान दर्पण भाग 6 का भव्य लोकार्पण किया जाएगा। इसके पूर्व भी सदगुरु माँ ज्ञान द्वारा रचित गीता ज्ञान दर्पण के पांच खंडों का प्रकाशन हो चुका है, जो गीता प्रेमियों के बीच धूम मचा रहा है।
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