मौत का कुआं बना कारो माइंस, कभी भी हो सकती है हादसा

प्रहरी संवाददाता/फुसरो (बोकारो)। इन दिनों सुरक्षा नियमों को ताक पर रखकर बोकारो जिला के हद में सीसीएल बीएंडके क्षेत्र के कारो माइंस (आउटसोर्सिंग पैच) मे खान सुरक्षा नियमों को ताख पर रखकर अंधाधुघ कोयला उत्खनन किया जा रहा है। प्रॉपर बेंचिंग की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण कोयला खदान मौत का कुआं बन गया है।

जानकारी के अनुसार कारो खदान में 40 से 50 मीटर खड़ी हाईवाल है। कहीं-कहीं ऊपर से गिरने वाले ओबी का ग्राउंड लेवल पर अंबार लगा हुआ है। डीजीएमएस के नियमानुसार हॉल रोड नहीं है। बा-मुश्किल से डंपर, डोजर और पोकलेन मशीन एक जगह से दूसरी जगह जा पा रही है। कहीं-कहीं खड़ी चढ़ाई पर डंपर को चढ़ने में काफी कठिनाई होती है।

इस संबंध में श्रमिक संगठन हिंद मजदूर किसान पंचायत के केंद्रीय महासचिव इंद्रदेव महतो ने 21 दिसंबर को बताया कि कोलियरी प्रबंधन कारो बस्ती के ग्रामीणों की सुरक्षा की अनदेखी कर 50 मीटर से भी कम दूरी पर हेवी र्लास्टिंग कर रहा है।

जिससे कई घरों में दरार आ गई है। महतो ने कहा कि प्रबंधन झांसा देकर और डीडीएमएस को गुमराह कर उत्पादन कराना चाहती है जो संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि गांव का विस्थापन और पुनर्वास से ही स्थाई रूप से समस्या का हल हो सकता है।

फिलवक्त मौत का कुआं बन चुके कारो माइंस (आउटसोर्सिंग पैच) में जान जोखिम में डालकर मजदूर तथा डंपर, डोजर और पोकलेन के चालक व खलासी काम कर रहे हैं। उम्मीद है डीडीएमएस कोडरमा तेजा नरेश शीघ्र ही कारो मांइस (आउटसोर्सिग पैच) का निरीक्षण कर सच्चाई से अवगत होकर आवश्यक करवाई करेंगे।

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