सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर (झारखंड)। पश्चिमी सिंहभूम जिला के हद में नोवामुंडी स्थित पद्मावती जैन सरस्वती शिशु मंदिर 16 दिसंबर को विद्यालय प्रांगण में विजय दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के प्रधानाचार्या सीमा पालित (गुरु माँ), अभिभावक वृंद, सारे आचार्य दीदीजी ने संयुक्त रूप से नित्य वन्दनीय माँ सरस्वती तथा वीर सैनिकों के फोटो पर श्रद्धा सुमन अर्पित एवं दीप प्रज्जवलित कर किया।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य उक्त विद्यालय mr अध्ययनरत भैया बहनों के मन में देश के प्रति सेवा भावना, कर्तव्य बोध, श्रम, त्याग, समर्पण आदि गुणों का विकास करना है।
इस अवसर पर गुरु माँ ने अपने संबोधन में कहा कि 16 दिसंबर को 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत के कारण ही विजय दिवस मनाया जाता है। इस युद्ध के बाद पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तानी बलों के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियाजी ने भारत की पूर्वी सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोरा के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था।
जिसके बाद 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों को युद्ध बंदी बनाया गया। पूर्वी पाकिस्तान स्वतंत्र हो गया जो आज बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है। उन्होंने बताया कि यह युद्ध भारत के लिए ऐतिहासिक और हर देशवासी के हृदय में उमंग पैदा करने वाला साबित हुआ।
विद्यालय के भैया बहनों ने मनमोहक देश भक्ति गीत और अविश्वसनीय देशभक्ति नृत्य प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में कक्षा नवम के बहनों द्वारा करुण रस से भरा सुन्दर नाटक प्रस्तुत किया गया। तत्पश्चात वन्दना प्रमुख अंजली बोस द्वारा शांति मंत्रोच्चारण के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।
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