पकड़े जाने के बाद छूटते रहे हैं शराबी, अजब बिहार की गजब कहानी
गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली)। बिहार में जिस काम को करने से सरकारी तंत्र को रोक लगाना है वही होता है। यहां शराब बंदी के बावजूद धड़ल्ले से शराब बेची जाती है। पकड़े जाने पर आसानी से शराबीयों को छोड़ दिया जाता है। अजब बिहार की गजब कहानी है।
बिहार में 1अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबन्दी, शराब पीना गैरकानूनी पीकर मरनेबाले को कोई मुआबजा नही नियमावली लागू है। लेकिन पूर्ण शराबबन्दी के बाद भी पूरे बिहार में शराब जगह जगह उपलब्ध है।
जानकारी के अनुसार 14 दिसंबर को वैशाली जिला से सटे सारण जिला के हद में मशरख अंचल के इसुआपुर में जहरीली शराब पीने से 24 लोगो की मौत हो गयी। जहरीली शराब पीनेवाले दर्जनों लोग छपरा के अस्पताल में इलाजरत है। कई के आंखों की रोशनी चली गई।
इससे पूर्व बीते 2 दिसंबर को वैशाली जिला के हद में महनार बाजार के डीपीएस स्कूल (DPS School) के प्रचार्य जय प्रधान सहित तीन लोगों की जहरीली शराब पीने से हुई मौत के बाद पूरा पुलिस प्रशाशन और उत्पाद बिभाग की टीम शराब पीने वालो को जेल भेजने में लगी रही। अब शराब पीने बाले कोर्ट में 2000 जुर्माना देकर छूट सकते हैं।
वैशाली जिले में शराब की उपलब्धता इस बात से सिद्ध होती है कि पुलिस प्रत्येक दिन 25 से 75 लोगो को शराब पीने के जुर्म में गिफ्तार कर जेल भेज रही है। रोज हाजीपुर न्यायालय में दर्जनों की सख्या में शराबियों को गिरफ्तार कर पुलिस भेज रही है।
गत नवंबर माह में वैशाली पुलिस द्वारा 10 हजार लीटर से अधिक विदेशी शराब की मात्रा पकड़ी गई। इस धंधे में शामिल 78 महिलायें भी गिरफ्तार हुई। पूरे बिहार में नवंबर माह में 38 हजार गिरफ्तारियां हुई और 26 लाख लीटर अवैध शराब बरामद हुए। पूरा पुलिस प्रशासन शराब बंदी कानून लागू करने में लगा है, लेकिन शराब का धंधा बिहार में चल रहा है। यही सत्य है।
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