कार्यक्रम के यूपी के पूर्व सांसद सावित्री बाई फूले हुई शामिल
एस. पी. सक्सेना/बोकारो। समता सैनिक दल झारखंड प्रदेश के सौजन्य से 11 दिसंबर को बोकारो जिला के हद में कथारा स्थित सीसीएल के ऑफिसर्स क्लब (Officers Club) में महामना बोधिसत्व भारतरत्न डॉ भीमराव अंबेडकर का 66वां महा परिनिर्वाण दिवस श्रद्धांजलि सभा के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर भव्य शोभायात्रा निकालकर बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गयी।
कार्यक्रम का शुभारंभ ऑफिसर्स क्लब में कैंडल प्रज्वलित कर एवं बाबा साहब, भगवान बिरसा मुंडा के चित्र पर माल्यापर्ण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया।
मौके पर बतौर मुख्य अतिथि यूपी के पूर्व सांसद सावित्री बाई फूले ने कहा कि महामना बाबा साहब ने संविधान में बहुजन समाज के लोगों के लिए जो अधिकार दिए हैं उसे वर्तमान केन्द्र की भाजपा सरकार (BJP Government) समाप्त करने में लगी है।
वे इसे बचाने के लिए वर्ष 2017 से लगातार सड़क से सदन तक संघर्ष कर रही है। उन्होंने कहा कि इसके लिए देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट भी संविधान व लोकतंत्र खतरे के बारे में आगाह कर चुकी है। इसको बचाने के लिए समय रहते हमें जागना होगा।
यदि हम ऐसा नहीं करते है तो वर्ष 2024 के बाद एक साजिश के तहत हमें मिली आजादी खत्म कर दी जायगी। उन्होंने कहा कि बाबा साहब के बनाये संविधान व उनके कानूनों को बदला जा रहा है। जब मैं इसे बचाने के लिए आगे आई तो भाजपा ने मुझे अपने तरीके से चलने की बात कही।
इस पर मैंने कहा कि संविधान को बचाने के लिए मैं किसी तरह समझौता नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को खतरे से बचाने के लिए देश के हरेक नागरिक को आगे आना होगा।
विशिष्ट अतिथि बहुजन सुरक्षा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अक्षयवर नाथ कनौजिया ने कहा कि देश में आज जो हमें ताकत मिली है वह संविधान की देन हैं। आज संविधान खतरे में है। इसे बचाने के लिए पूरे देश में लगभग एक लाख पच्चीस हजार रजिस्टर्ड संगठन बनाकर बीएसपी के लोग काम कर रहे हैं।
इसे बचाने के लिए सबों को आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने संविधान देकर हमें जो ताकत दिया है इसी से आप सभी बच सकते हैं। समता सैनिक दल के प्रदेश अध्यक्ष आरपी रंजन ने कहा कि जात-पात को भूलकर ही एक अच्छे समाज का निर्माण हो सकता है। बाबा साहब ने भी इसके लिए काफी संघर्ष किया था। उन्होंने कहा कि संविधान ही आत्मा है। यह नहीं बचेगा तो समाज, देश को गुलाम होने से कोई रोक नहीं सकता।
सिस्टा के राष्ट्रीय संरक्षक डॉ आरएस राम ने कहा कि संविधान नहीं बचेगा तो बाबा साहब का नाम नहीं बचेगा। उसे बचाने के लिए हर एक नागरिक दलित, शोषित का कर्तव्य बनता है कि वे सभी आगे आएं। सिस्टा के संरक्षक राजमुनी राम ने कहा कि आज कुछ मनुवादी विचारधारा वाले दलित समाज के पढ़े लिखे अज्ञानी ही समाज की एकता में रोड़ा डालने का काम कर रहे हैं।
इसके प्रति बाबा साहेब ने पहले हीं आगाह कर दिया था। उन्होंने कहा कि हम सबको एकजुटता दिखाने और समाज को सही दिशा देने की जरूरत हैं। समाज तभी समता मूलक बनेगा जब सभी एक होंगे। लेकिन आश्चर्य है कि समाज बाबा जी का तोता वाली कहावत को जानकर भी उस जाल में फंस रही है।
सभा को इसके अलावा समता सैनिक दल के सुरेश चंद्र बौद्ध, कंचन बौद्ध, उदय प्रताप, सीसीएल सिस्टा अध्यक्ष एसडी रत्नाकर, चंदन आदि ने भी कार्यक्रम में अपने-अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर रमेश पासवान ने सिस्टा संरक्षक राजमुनी राम को पुस्तक भेंट किया।
मौके पर कार्यक्रम में सिस्टा के रामकुमार पुरोई, डॉ एमएन राम, छोटन राम, अशोक रविदास, रमेश पासवान, राजू रविदास, प्यारेलाल भारती, कौलेश्वर पासवान, नागेंद्र रविदास, कुँवर राम, अंबेडकर बुद्धा सोसायटी के रवींद्र कुमार बौद्ध, राजकिशोर रविदास, आदि।
श्याम सुंदर पाल, बिन्दुचंद हेम्ब्रम, रामविलास रविदास, अजय रविदास, शिवकुमार राम, कंचन देवी, गीता देवी सहित काफी संख्या में सैनिक दल, सिस्टा, अंबेडकर बुद्धा सोसाइटी के सदस्यगण उपस्थित थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता छोटन राम तथा संचालन रमेश पासवान, चंदन सिंह गौतम, शंकर पासवान, लेखबर्धन बौद्ध ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम के पूर्व कथारा चार नंबर अंबेडकर पार्क से जुलूस की शक्ल में कथारा कोलियरी पीओ कार्यालय स्थित स्थापित बाबा साहब की प्रतिमा पर मुख्य व विशिष्ट अतिथियों द्वारा माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया।
इसके बाद पुनः वहां से जुलूस कथारा मोड़, शिव मंदिर होते सभास्थल ऑफिसर्स क्लब पहुंची जहां मुख्य अतिथि द्वारा झंडोत्तोलन कर श्रद्धांजलि सभा की गयी।
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