एस. पी. सक्सेना/बोकारो। विभागीय कामगारों को तरजीह ना देने और आउटसोर्सिंग कार्यों को संरक्षण देने के विरोध में आगामी 13 दिसंबर को सीटू से संबद्ध एनसीओईए (NCOEA) द्वारा बोकारो जिला (Bokaro District) के हद में सीसीएल कथारा क्षेत्र के जारंगडीह परियोजना कार्यालय के समक्ष एक दिवसीय धरना का आयोजन किया जाएगा। उक्त बातें एनसीओईए जारंगडीह शाखा सचिव निजाम अंसारी ने 10 दिसंबर की देर संध्या एक भेंट में कही।
अंसारी ने बताया कि सीसीएल प्रबंधन अपनी मनमानी रवैया को अपनाकर मजदूर वर्ग को केवल प्रताड़ित करने का काम कर रही है। प्रबंधन विभागीय कामगारों को दरकिनार कर आउटसोर्सिंग कंपनी को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि प्रबंधन द्वारा जारंगडीह परियोजना को पूर्ण रूप से आउटसोर्सिंग में देने की साजिश रची जा रही है।
जिसका एनसीओईए जोरदार विरोध करेगी। उन्होंने बताया कि सीसीएल प्रबंधन एक साजिश के तहत यहां स्थाई कामगारों को अन्यत्र स्थानांतरण करने की योजना बना रही है। अंसारी ने कहा कि जारंगडीह परियोजना का सारा उत्पादन कार्य आउटसोर्सिंग कंपनी द्वारा कराए जाने का वे विरोध करते हैं।
यदि जारंगडीह कोलियरी को आउटसोर्सिंग किया गया तो इसका दुष्प्रभाव यहां के मजदूरों पर पड़ेगा। साथ ही यहां का व्यवसाय एवं आम नागरिकों के ऊपर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ेगा।
अंसारी ने आरोप लगाते हुए कहा कि यहां के भूमिगत खदान में प्रचुर मात्रा में कोयला रहते हुए सीसीएल प्रबंधन द्वारा साजिशन इसे बंद कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि प्रबंधन केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों के अनुरूप कार्य कर रही है, जिससे सार्वजनिक उद्योगों को अपने चहेते पूंजीपतियों को सौंपने पर आमादा है। यही कारण है कि आज मजदूरों का 11वां वेतन समझौता लंबित है। जिससे कोयला मजदूरों का भविष्य खतरे में है।
उन्होंने परियोजना के तमाम कामगारों, व्यवसायियों तथा आम नागरिकों से आगामी 13 दिसंबर को एक दिवसीय धरना को सफल बनाने की अपील की है। मौके पर यूनियन नेता कमलेश गुप्ता, मोहम्मद मुस्तफा, समीर सेन, सुरेश यादव आदि उपस्थित थे।
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