प्रहरी संवाददाता/जमशेदपुर (झारखंड)। पश्चिमी सिंहभूम जिला के हद में टाटा स्टील की नोआमुंडी आयरन माइन ने 9 दिसंबर को मनाया गया एमईएमसी सप्ताह।
यहां स्थित जेआरडी टाटा ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में भारतीय खान ब्यूरो (आईबीएम) रांची क्षेत्र के तत्वावधान में आयोजित 29वां खदान पर्यावरण और खनिज संरक्षण सप्ताह के हिस्से के रूप में प्रचार और प्रसार कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर जेनरल मैनेजर (माइंस) हिंडाल्को अजय कुमार पांडेय, एजीएम (माइंस) रतन कुमार पात्री, सीनियर मैनेजर सर्वें सेल, सीनियर मैनेजर, सर्वे अवधेश कुमार और चीफ, नोआमुंडी आयरन माइन टाटा स्टील चीफ शिरीष शेखर की उपस्थिति में मुख्य अतिथि के रूप में इस अवसर की शोभा बढ़ाई।
इस कार्यक्रम में खनिज संसाधनों के संरक्षण और खनन से जुड़े पर्यावरण की रक्षा के लिए जागरूकता पैदा करने के क्रम में आसपास के स्कूलों द्वारा मॉडल प्रदर्शित किए गए। कई प्रक्रियाओं जैसे अवधारणा, अनुपालन और खानों में उपयोग किए गए पानी के अनन्य उपयोग के माध्यम से पर्यावरण के संरक्षण पर वर्किंग मॉडल ने निरीक्षण दल को प्रभावित किया।
खनन में पर्यावरण निगरानी और विश्लेषण के लिए उपयोग किए जाने वाले हाई-टेक सुविधाओं वाले उपकरण भी विभागों द्वारा पर्यावरण की सुरक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता दिखाने के लिए प्रदर्शित किए गए थे।
इस अवसर पर अपने संबोधन में अजय कुमार पांडेय ने कहा कि प्राथमिकता और रणनीति के आधार पर एक व्यवस्थित और सस्टेनेबल दृष्टिकोण के माध्यम से हम पर्यावरण की रक्षा करने और अपने आसपास के खनिजों का संरक्षण करने में सक्षम होंगे।
सभा को संबोधित करते हुए शिरीष शेखर ने कहा कि हरित और सस्टेनेबल भविष्य के प्रति गंभीर प्रतिबद्धता टाटा स्टील के संचालन का मूल सिद्धान्त है। सस्टेनेबल भविष्य बनाने की दिशा में कंपनी के प्रयासों का विस्तार करना हमारा निरंतर प्रयास है।
इससे पहले दिन में निरीक्षण दल के सदस्यों ने खदान के अंदर कई क्षेत्रों का भ्रमण किया, जिसमें वेट ड्रिलिंग, प्लांट कंट्रोल रूम और सेंट्रल एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईपीटी) शामिल हैं।
इस अवसर पर पोस्टर व स्लोगन प्रतियोगिता के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया।
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