मुंबई। बारिश शुरू होते ही पानी जनित बीमारियों की समस्या मुंबई में बढ़ने लगती है। मॉनसून के दौरान मुंबईकरों को इलाज में दिक्कत न हो, इसके लिए मनपा के उपनगरीय और प्रमुख अस्पतालों में इससे संबंधित तैयारियां कर ली गई हैं। इसके लिए अस्पतालों में जहां मरीजों के लिए बिस्तर बढ़ा दिए गए हैं, वहीं दवाओं और अन्य महत्वपूर्ण चीजों को स्टॉक कर लिया गया है।
बारिश शुरू होने के बाद मुंबई में खास तौर पर डेंगू, मलेरिया, लेप्टोस्पायरोसिस सहित कई बीमारियों के फैलने का डर रहता है। समय पर जांच और उपचार न मिलने से मरीज की जान पर बन आती है। ऐसे में मरीजों के समय पर उपचार के लिए बीएमसी के 4 प्रमुख केईएम, सायन, नायर और कूपर, जबकि 16 उपनगरीय अस्पतालों में 2500 बिस्तर मॉनसून संबंधित बीमारियों के इलाज के लिए आरक्षित हैं।
आपताकालीन स्थिति में मोर्चा संभालने के लिए डॉक्टरों की भी ट्रेनिंग हो गई है। दवाओं की किल्लत न हो इसके लिए 3 महीने का स्टॉक अस्पतालों को उपलब्ध करा दिया गया है। बीएमसी स्वास्थ्य विभाग की अडिशनल म्यूनिसिपल कमिश्नर आई.ए. कुंदन ने बताया कि किसी भी समस्या से निपटने के लिए अस्पतालों के डीन और वरिष्ठ अधिकारियों को उचित निर्देश दिए हैं। किसी भी तरह की आपात स्थिति से निबटने के लिए संबंधित विभाग मिलकर काम करेंगे।
महानगर में पिछले साल 14 लोगों की जान डेंगी से गई थी। पिछले साल डेंगी के 700 से अधिक मामले सामने आए थे। आंकड़ों के अनुसार, बीते वर्ष राज्यभर में सबसे अधिक डेंगी से मौतें मुंबई में हुई थीं। 2016 में मुंबई में डेंगी से 2 लोगों की जान गई थी, जबकि 900 से अधिक मरीज सामने आए। बदन में दर्द, बुखार, मितली, आंखों के पीछे दर्द जैसी समस्या डेंगी के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं।
मनपा स्वास्थ्य विभाग के अडिशनल म्यूनिसिपल कमिश्नर आईए कुंदन ने बताया कि, ‘मॉनसून को लेकर अस्पतालों की तैयारियां हो गई हैं। बिस्तर बढ़ाने के साथ ही दवाओं का स्टॉक अस्पतालों को उपलब्ध करा दिया गया है।’
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