सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर (झारखंड)। भारतरत्न से सम्मानित देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती 3 दिसंबर को पश्चिमी सिंहभूम जिला के हद में टाटा डीएवी पब्लिक स्कूल नोवामुंडी के प्रांगण में मनाया गया। इस दौरान डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की तस्वीर पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया गया। साथ हीं दीप प्रज्ज्वलित भी किया गया।
इस दौरान विद्यालय में डॉ राजेंद्र प्रसाद के व्यक्तित्व से संबंधित सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विद्यालय के प्राचार्य प्रशांत कुमार भुइंया ने कहा कि अपनी सादगी और सरलता से किसी को भी प्रभावित कर देने वाले विद्वान डॉ. राजेन्द्र प्रसाद स्वाधीन भारत के सर्वप्रथम राष्ट्रपति बने।
इस पद पर रहते हुए भी अहंकार से पूरी तरह मुक्त व किसान जैसी वेशभूषा रखने वाले व्यक्तित्व थे। उन्होंने कहा कि राजेंद्र प्रसाद का सादा जीवन और उच्च विचार हमेशा देशवासियों को प्रेरित करता रहेगा।
यहां ग्यारहवीं कक्षा की छात्रा रूपाली ने भी अपने विचार व्यक्त किए। मौके पर विद्यार्थी व शिक्षकवृंद मौजूद रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने में सीसीए प्रभारी देवेंद्र कुमार देव का सराहनीय योगदान रहा।
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