फ्लोर टेस्ट से पहले येदियुरप्पा ने दिया इस्तीफा
साभार/ बेंगलुरु। तमाम सियासी दांवपेच के बावजूद येदियुरप्पा ने विश्वासमत पर वोटिंग से पहले इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया। अपने भाषण में येदियुरप्पा ने पीएम मोदी का शुक्रिया अदा किया और कहा, शायद पहली बार किसी पीएम ने सीएम कैंडिडेट तय किया। भाषण के तुरंत बाद येदियुरप्पा राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपने राजभवन चले गए। आपको बता दें कि 15 मई को काउंटिंग और रिजल्ट के बाद से ही कर्नाटक की सियासी तपिश ने देश का माहौल गरमा दिया था। येदियुरप्पा के इस्तीफा देने के बाद अब कांग्रेस-जेडीएस के पोस्ट पोल अलायंस के लिए रास्ता साफ हो गया है।
इस्तीफे की घोषणा से पहले येदियुरप्पा ने कहा कि जनता ने हमें 104 सीटें दीं और यह जनादेश कांग्रेस और जेडीएस के लिए नहीं था। उन्होंने कहा, ‘सोचा था कि मैं राज्य के किसानों के लिए काम करूंगा। बीजेपी सरकार ने किसानों की ऋणमाफी का फैसला किया है। पूरे देश में लोग कांग्रेस से और कर्नाटक में सिद्दारमैया से जनता नाराज है। पिछले पांच साल में राज्य में कोई बड़ा बदलाव और विकास कार्य नहीं हुआ है।’
आपको बता दें कि कर्नाटक की 224 सदस्यीय विधानसभा में 222 सीटों (2 सीटों पर बाद में चुनाव) पर चुनाव हुए थे। इसमें भी जेडीएस नेता कुमारस्वामी 2 सीटों पर जीते थे। इस हिसाब से बहुमत 221 सीटों के लिहाज से 111 विधायकों के समर्थन पर आता। बीजेपी के पास 104 विधायक थे जबकि पोस्ट पोल अलायंस का दावा कर रही कांग्रेस-जेडीएस अन्य विधायकों को मिलाकर 118 विधायकों के समर्थन का दावा कर रही थी।
आपको बता दें कि कर्नाटक का यह हाई प्रोफाइल मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा। राज्यपाल ने जब सबसे बड़ी पार्टी के रूप में बीजेपी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था कांग्रेस-जेडीएस शपथ ग्रहण रुकवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई थीं। सुप्रीम कोर्ट ने शपथ ग्रहण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया लेकिन बहुमत साबित करने के लिए 14 दिनों की मोहलत को घटाकर एक दिन कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने आज शनिवार 4 बजे तक बीएस येदियुरप्पा को बहुमत साबित करने का आदेश दिया था।
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