हाथियों के समूह ने धान खेत को किया तहस-नहस, किसान परेशान

कथारा बस्ती असनापानी सड़क पर हाथियों का तांडव, वन विभाग सतर्क

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। लगातार कई दिनों से हाथियों का समूह बोकारो जिला के हद में कथारा क्षेत्र में डेरा जमाए हुए हैं। इनकी संख्या 30 से 40 बताई जा रही है।

जंगली हाथियों के समूह ने क्षेत्र में अब तांडव मचाना शुरू कर दिया है, जिससे एक ओर जहां वन विभाग हलकान है वहीं दूसरी ओर ग्रामीण रहिवासी भय के साए में रात गुजारने को विवश है। वन विभाग तथा स्थानीय पुलिस लगातार हाथियों की हरकतों पर नजर बनाये हुए है।

जानकारी के अनुसार लगभग 30 से 40 की संख्या में जंगली हाथियों का समूह 13 नवंबर को दिनभर कथारा बस्ती और माइंस रेस्क्यू के बीच के जंगल तथा पठार पर डेरा जमाए हुए था। बताया जाता है कि जंगली हाथियों का समूह बीते 12 नवंबर की देर रात्रि ही पुनः एकबार दामोदर नदी पार कर उक्त स्थल पर पहुंचकर दशरथ यादव के धान की खेती को तहस-नहस कर दिया।

दिनभर हाथियों का समूह असनापानी के पठारी जंगल में विचरण करता दिखा। वहीं संध्या होते ही जंगली हाथियों का समूह उक्त खेत में पहुंचकर एक बार फिर उत्पात मचाने लगा।
घटनास्थल पर मौजूद कथारा ओपी प्रभारी प्रिंस कुमार सिंह राहगीरों को उक्त मार्ग से आवागमन नहीं करने के लिए बार-बार अपील करते दिखे।

वहीं वन विभाग की टीम भी मशाल लेकर हाथियों को रिहायशी क्षेत्रों में जाने से रोकने का प्रयास करता रहा। हालांकि, प्रशासन के लाख कोशिशों के बाद भी कुछ उचक्के किस्म के असामाजिक प्रवृत्ति के युवा अपनी जान की परवाह किए बिना जंगली हाथियों का फोटो अपने मोबाइल में कैद करते दिखे, जिसे रोकने में संभवत: स्थानीय पुलिस नाकाम रही।

यही नहीं बल्कि असामाजिक तत्व भी अपनी कारस्तानी से बाज नहीं आया और उक्त मार्ग पर सुरक्षित स्थान पर खड़ी मीडिया कर्मियों के वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया, जिसके कारण कई मीडिया कर्मी परेशान हाल दिखे। सूचना के बाद ओपी प्रभारी प्रिंस कुमार सिंह के पहल के बाद मीडिया कर्मियों के वाहनों को नजदीक के गैरेज में ले जाकर मरम्मति कराई गई तब जाकर कहीं मीडिया कर्मियों ने राहत की सांस ली।

हाथियों के क्षेत्र में सरगर्मी के संबंध में पूछे जाने पर वन क्षेत्र पदाधिकारी तेनुघाट वन क्षेत्र अरुण कुमार बाउरी ने बताया कि हाथियों की संख्या लगभग 25 है। सभी हाथी संध्या लगभग 7 बजे कथारा जीएम आफिस के पीछे के जंगलों में आश्रय ले रखा है।

इन्हें वन विभाग द्वारा रेस्क्यू कर पीलपीलो के जंगलों की ओर ले जाने का प्रयास होगा, ताकि जान-माल के नुकसान को रोका जा सके। उन्होंने बताया कि उनके साथ कुल 15 लोगों का टीम कार्यरत है। साथ ही स्थानीय पुलिस का भी सहयोग प्राप्त है।

बीट प्रभारी बेरमो दुर्गा मरांडी ने बताया कि वन विभाग की टीम जंगली हाथियों के समूह को सेफ पैसेज बनाते हुए डीएवी जूनियर विंग के बगल के रास्ते से पिलपीलो जंगल की ओर ले जाने का प्रयास कर रही है तथा इसके लिए रेस्क्यू कार्य किया जा रहा है।

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