दादा-दादी की सीख जीवन के कई फैसलों में आती है काम-रितू
प्रहरी संवाददाता/फुसरो (बोकारो)। बोकारो जिला के हद में करगली सिनियर क्वार्टर स्थित मेरा बचपन प्ले स्कूल में 11 नवंबर को दादा दादी दिवस मनाया गया। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम और खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
मौके पर उपस्थित बच्चों ने अपने दादा-दादी के साथ आयोजन का आनंद उठाया और दादा-दादी और पोते-पोतियों के बीच के बंधन को मजबूत किया। स्कूल की प्रिंसिपल रितू राठौर ने बताया कि अच्छी शिक्षा के साथ-साथ विद्यार्थियों को चरित्रवान, संयमी और सदाचारी बनाना भी हमारा कर्तव्य है।
उन्होंने कहा कि बचपन से ही बच्चा संस्कार सीखना शुरू कर देता है। उसे जिस तरह की बातें बताई जाती हैं, उसे वो अपने व्यवहार में शामिल करता है। इसमें घर में दादी-दादा की काफी महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। बच्चों का भी बुजुर्गों से खास लगाव होता है।
ऐसे में इनके साथ रहने से बच्चों को कहानियों और अन्य माध्यमों से ऐसी जानकारी मिलती है, जो जीवनभर काम आती है। कई बार अगर माता-पिता बच्चे को समय नहीं दे पाते हैं तो दादा-दादी अपने अनुभवों से बच्चों की अच्छी परवरिश करने में सक्षम होते हैं।
उन्होंने बताया कि जो माता-पिता विदेश में रहते हैं, उन्हें भी यह बात समझना चाहिए कि वे समय-समय पर परिवार के सदस्यों से बच्चों को मिलाते रहें। इससे बच्चों के मन में अपनेपन की भावना बचपन से जाग्रत हो जाती है। बुजुर्गों की बातें बच्चे के बड़े होने के बाद भी कई फैसले लेने में सहायक होती है। इसके लिए आवश्यक है कि बाल्यावस्था से ही उन्हें संस्कार सिखाया जाये।
यहां खाने-पीने और सिलाई-कटाई का भी स्टॉल लगाया गया था। इस मौके पर अदिति सिंह, दीक्षा आनंद, कैसर फातिमा, अंजना सिंह, रेखा सिन्हा, डिम्पी कुमारी, सुष्मिता मिश्रा, रेनू पटेल आदि मौजूद रहे।
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