एस. पी. सक्सेना/बोकारो। गुरु नानक देव के जन्म जयंती प्रकाशोत्सव के अवसर पर 8 नवंबर की देर रात्रि बोकारो जिला के हद में जारंगडीह स्थित गुरद्वारा में वृहद लंगर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सबद कीर्तन में सैकड़ो की संख्या में श्रद्धालू शामिल हुए।
गुरु नानक देव का 554वां वार्षिक समारोह प्रकाशोत्सव जारंगडीह गुरुद्वारा में बहुत ही धूमधाम से मनाया गया। यहां सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी बेरमो के जत्थेदार सरदार गुरूनाम सिंह ने बताया कि गुरु नानक देव जी के पिता कल्याण दास, माता तृप्ता जी थे। उनका का जन्म 1469 ईस्वी को ननकाना साहिब (पाकिस्तान) में हुआ था।
जिस समय जुल्म के खिलाफ मुगलो के सामने कोई ऊंची आवाज भी बोलने की जुर्रत नहीं करता था। गुरु नानक देव जी ने बाबर को जावर कहकर बुलाया। उन्होंने कहा कि गुरु नानक देवी का अवतार संसार में इसलिए हुआ कि उस समय जात-पात, ढोंग का बहुत बोलबाला था। उन्होंने सिख धर्म की संरचना कर इन सब चीजों से समाज को निजात दिलाने का काम किया। फिर भी अपने जीवन में गुरु नानक देव जी करीब करीब 38 हजार किलोमीटर की यात्रा की।
उनके साथ भाई बाला जी और भाई मरदाना जी भी साथ थे। उन्होंने चीन, बगदाद, तिब्बत सहित कई देशों की यात्रा की थी।उन्होंने दुनिया को संदेश दिया कि दसों अंगुलियों को कृत करके खाओ और बांट कर खाओ। परमात्मा का सिमरन करो।
गुरनाम सिंह ने बताया कि कोरोना काल के 2 वर्षों के दौरान पूरे क्षेत्र के संगत ने जो यातनाएं झेली उनसे छुटकारा पाने के लिए क्षेत्र की सारी संगत ने गुरु महाराज के दरबार में नतमस्तक होकर क्षेत्र की संगत की अमन शांति के लिए अरदास की।
इस मौके पर सुरजीत सिंह, शार्दुल सिंह, नरेंद्र सिंह, बाबा हीरा सिंह, रॉकी, गुरमीत सिंह, सोनू, रणधीर सिंह, राजू सिंह, आरके सिंह सहित सेवा कार्य में कसक कौर, तनीसा कुमारी, प्रेरणा कौर, मनीषा कुमारी, प्रिया कुमारी, पूजा कुमारी, निशू कौर, जूली कौर, सुखविंदर कौर, जसवंत सिंह, गोल्डी सिंह, रिंकी कौर, रजविंदर कौर, चारु कौर, रिंपी कौर, नूतन सिंह, पीपा कौर आदि का सराहनीय योगदान रहा।
मौके पर मुख्य अतिथि के तौर पर जारंगडीह परियोजना के वित्त प्रबंधक प्रवीण कुमार, उत्तरी पंचायत जारंगडीह के पूर्व मुखिया मोहम्मद इम्तियाज अंसारी, श्रमिक नेता सचिन कुमार, प्रदीप कुमार आदि कई गणमान्य जनों ने लंगर का प्रसाद ग्रहण किया।
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