गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली)। वैशाली जिला मुख्यालय हाजीपुर शहर के हर मोहल्ले और वार्ड में डेंगू के मरीजों की भरमार है। करीब एक माह से हाजीपुर शहर में डेंगू का प्रकोप है लेकिन जिला प्रशासन (District Administration) और नगर परिषद की ओर से डेंगू के रोक थाम के लिए अब तक केवल कागजी घोड़ा दौड़ाया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार हाजीपुर नगर के मुहल्ले और गली नालों में ब्लीचिंग पाउडर के छिड़काव भी पूरा नहीं किया गया है, जिसको लेकर आम आदमी डेंगू से भयभीत है। जिले के निजी नर्सिंग होम या बिहार की राजधानी पटना के अस्पताल में यहां के मरीज अपना इलाज करा रहे हैं। सदर अस्पताल में डेंगू मरीज की इलाज और जांच की सुविधा है लेकिन रहिवासी मजबूरी में ही सदर अस्पताल जा रहे हैं।
जिले में कितने डेंगू के मरीज हैं या कितने मरीज डेंगू से प्रलोक सिधारे इसका डाटा प्रशासन के पास नही है। अभी तक देसरी प्रखंड के गाजीपुर गांव के 21 वर्षीय युवक आदित्य उर्फ पिंटू शर्मा, हाजीपुर के आजाद मेडिकल हॉल के आजाद भाई और केला बाजार हाजीपुर के बिनोद पासवान की मृत्यु डेंगू से होने की सूचना है।
सरकारी और नगर परिषद की उदासीनता के बीच हाजीपुर के सामाजिक कार्यकर्ता रक्तबीर प्रवीण कुमार, कर्मयोगी कुंदन यादव, जगरनाथ कुमार, सूरज शर्मा, निशांत गांधी, आदि।
विजय स्वामी अपने साथियों और जन सहयोग से जिस मोहल्ले से डेंगू मरीज की सूचना मिलती है वहां अपनी टीम के साथ टॉमी फॉस दवा का फॉगिंग करने पहुंच रहे हैं। गत दो दिनों के अंदर इन युवाओं ने केला बाजार, जढूआ, अनवरपुर, स्टेशन एरिया में फॉगिंग मसीन से दवा का छोड़काव किया है।
इस विपत्ति की घड़ी में इन युवाओं के कार्य की स्थानीय रहिवासी भी सराहना कर रहे हैं। वाकई इन युवाओं के जज्बे तारीफ के काबिल है।
.
195 total views, 2 views today