समाज में आदर्श प्रस्तुत कर रही है प्रीति प्रिया

गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली)। भुमिहार महिला समाज की प्रीति प्रिया समाजसेवा के क्षेत्र में अब एक जाना पहचाना नाम है। प्रीति प्रिया समाज में आदर्श प्रस्तुत कर रही है।

जानकारी के अनुसार दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक प्रीति प्रिया बिहार के बेगुसराय के एक किसान परिवार की वेटी और नालंदा जिले के एक कृषक परिवार की बहू है। दो बच्चों की माँ प्रिया बच्चों की पढ़ाई की सुविधा के लिए वे कुछ वर्ष पहले पटना आकर रहने लगे।

बच्चों के स्कूल चले जाने औऱ पति के व्यवसाय के सिलसिला में बाहर आने जानी की वजह से प्रीति ने खाली समय का उपयोग अगल बगल की महिलाओं के साथ मिलना जुलना शुरू किया।

इसी क्रम में प्रीति के मन मे खाली समय का उपयोग समाज की महिलाओं को एकजुट करने का विचार हुया और आज से ढ़ाई वर्ष पहले अपने समाज की दस ग्यारह गृहणी महिलओं के साथ मिलकर उन्होंने भुमिहार महिला समाज नाम से एक संघठन खरा किया। जिसके आज हजारों सदस्य हैं।

बताया जाता है कि, इसकी शाखाएं झरखंड के रांची, बोकारो, जमशेदपुर के अलावे गुजरात, महराष्ट्र, बनारस, बैंगलुरु में भी है। इस संगठन के माध्यम से समाज की महिलाऑन को रोजगार से जोड़ने, उनके लिए बाजार की व्यवस्था करने के लिये पंख हाट नाम से हाट आयोजित करने का काम किया जाता है।

संघटन के कार्यों में समाज का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है। समाज के गरीब और मेघावी बच्चों की शिक्षा के साथ कई एक गम्भीर जरूरतमंद मरीजो के इलाज की व्यवस्था भी बीएमएस के द्वारा की गई है। इन सब में प्रिती बढ़चढ़ कर हिस्सा लेती हैं।
बताया जाता है कि बीएमएस की ओर से पटना के हज भवन के पास स्लम के बच्चों के साथ दीपावली की खुसिया मनाई।

भूमिहार महिला समाज ने वहाँ के बच्चों के बीच फल मिठाई और कपड़े बाँट कर उनके चेहरे पर मुस्कान लाने का प्रयास किया। इस अवसर पर स्लम में रहने वाले 130 बच्चों और महिलाओं को मिठाई का पैकेट, बिस्कुट पैकेट, फल तथा कपड़े दिए गये।

इस कार्यक्रम में बीएमएस की सदस्यों ने अपने बच्चे को शामिल किया, ताकि अभी से उनके अंदर मानवता, दया और करुणा की भावना जागृत कर सके, ताकि आगे चल कर वो समाज हित मे काम कर सके। मदद करने की भावना बचपन से उनके अंदर रहा है।

इस नेक कार्य कर सभी महिलाएँ काफ़ी खुश थीं। बीएमएस की फाउंडर प्रीति प्रिया ने बताया कि समाज के लिए कुछ करने के बाद उनके दिल को सुकून मिलता है।

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