धीरज शर्मा/विष्णुगढ़ (हजारीबाग)। हजारीबाग पूर्वी वन प्रमंडल पदाधिकारी सौरभ चंद्रा के निर्देश पर बीते 20 अक्टूबर को प्रखंड के गोविंदपुर मे अवैध संचालित एक आरा मिल पर छापेमारी एवं जप्ती की कार्रवाई की गई। आरा मिल के विरुद्ध की गई छापेमारी में अवैध रूप से स्थापित आरा मिल, आरा, हाथी, ट्रॉली तथा प्लेटफार्म को जेसीबी से समूल उखाड़कर ध्वस्त कर दिया गया।
जानकारी के अनुसार उक्त आरा मिल में संग्रहित चिरान के लिए रखा करीब दो लाख रुपए से अधिक की लकड़ियों को जप्त किया गया। जप्त लकड़ियों को बिष्णुगढ़ नवादा अस्थाई पौधशाला परिसर में ला कर रखा गया है।
इस कार्रवाई में आरा मिल संचालक जीवधन महतो, पिता स्व. बालकी महतो एवं उसके पुत्र बैजनाथ महतो पर भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 41/42 एवं बिहार काष्ठ चिरान विनियमन अधिनियम 1990 की धाराओं क्रमशः 9/10/14 के तहत केस दर्ज किया गया है।
उल्लेखनीय है कि जिवाधन महतो आदतन वन अपराधी हैं और इनके खिलाफ इस वर्ष 30 मार्च एवं 11 सितंबर को भी आरा मिल के विरुद्ध चलाए गए छापामारी के दौरान अवैध आरा मिल के संचालन में इनके द्वारा अवैध संचालित आरामिल को ध्वस्त एवं जप्त करते हुए वन मुकदमा दायर किया गया है।
अवैध आरा मिल के विरुद्ध हुई छापामारी का नेतृत्व कर रहे डीएफओ द्वारा बताया गया कि अवैध आरा मिलो के खिलाफ छापामारी अभियान लगातार चलते रहेगा। जहाँ भी अवैध आर मिलो के संचालन की सूचना प्राप्त होगी। वहाँ बुलडोजर से इसे ध्वस्त करते हुए विधि-सम्मत कार्रवाई सुनिश्चत की जाएगी।
उन्होने बताया कि अबतक डेढ़ दर्जन से अधिक अवैध आरा मिलो पर छापामारी कर मिल संयंत्र को बुलडोजर से ध्वस्त किया गया है। यहां से अवैध रूप से संग्रहित विभिन्न प्रजाति के लकड़ियों को जप्त किया गया है। इस क्रम में दोषियों के खिलाफ वन मुकदमा भी दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि वन सम्पदा को नुकसान पहुंचाने वाले व्यक्तियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जायगा।
इस हेतु उनके द्वारा ग्रामीणों से वन क्षेत्रों में चोरी-छिपे आरा मिलो के संचालन,अवैध पातन, खनन, परिवहन के बावत सीधे सूचना देने के लिए अपील भी किया गया है।
अवैध आरा मिलो पर छापामारी में बगोदर वन क्षेत्र पदाधिकारी सुरेश राम के अलावे दारू वन प्रक्षेत्र के क्षेत्र पदाधिकारी विजय कुमार तथा अंशु कुमार, संजीत रविदास, प्यारेलाल साव, पंकज कुमार, संजीत वर्मा, मो.रजा अहमद, मो. असलम, सोमनाथ मोदक, रंजन कुमार, देव नारायण,भुनेश्वर मंडल इत्यादि वनरक्षी शामिल थे।
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