आस्था का महापर्व छठ कुछ दिन शेष, चारों तरफ पसरा है गंदगी
धीरज शर्मा/विष्णुगढ़ (हजारीबाग)। विष्णुगढ़,प्रखंड के हद में चेडरा और रमुआ की मुख्य सड़क की बात की जाय तो कीचड़ युक्त गलियों में सबसे अधिक विष्णुगढ़ के मस्जिद रोड से करोंज़ मोड़ जाने वाली गलियां अब्बल दर्जे पर चर्चा की जाती है। हां, अगर आप बाहर के और अंजान है तो जरा इन गलियों में संभल कर चले। नही तो आपके बाइक समेत कपड़े भी रंगीन हो सकते हैं।
हालांकि, इसके विरुद्ध कई बार सामाजिक, प्रशासनिक स्तर पर मुहिम भी चलाया गया, लेकिन फिर भी कुछ दबंग किस्म के रहिवासी बेशर्मी की सारी सीमा पार कर गलियों में गंदा पानी बहाने में कोई मौका नही छोड़ रहे हैं।
इधर आस्था का महापर्व छठ बहुत करीब है, मगर गलियों की स्थिति नारकीय बनी हुई है। चारों ओर गंदगी पसरी हुई है। सड़कें बजबजा सी गई है। गलियां नाले में तब्दील हो गई है।
जानकारी के अनुसार बिष्णुगढ़ प्रखंड के हद में बिष्णुगढ़, चेडरा, रमुआ की मुख्य सड़क काफी दयनीय स्थिति में है। सड़कें टूटी फूटी है और सड़क किनारे से विशेषकर रईस लोग के साथ-साथ आमजनों का नाले से निकलता गंदा बदबूदार पानी से जीना मुश्किल हो गया है। गली का रोड तो कई वर्षों से टूटा, फूटा पड़ा है।
आसपास घर होने से घरों का पानी भी सड़क किनारे नाले की बदबूदार पानी बहता रहता है। जिसके कारण उक्त सड़क पर हमेशा गंदा पानी फैला रहता है। बारिश हो या न हो, आपको बारह महीने इस सड़क मार्ग पर गंदे पानी बहता दिखेगा। बारिश होने पर तो उक्त सड़क का बहुत बुरा हाल हो जाता है।
पैदल चलने में भी मुश्किल हो जाता है। आश्चर्य की बात है कि सांसद, विधायक, अधिकारीगण, जनप्रतिनिधि पंचायत सेवक एवं मुखिया, पंचायत समिति सदस्य किसी को इस समस्या से मतलब नहीं है। प्रखंड के कई पदाधिकारी कभी कभार इस रास्ते से भी आते जाते है। इस नाले से निकलते गंदे पानी के कारण स्कूली बच्चों को भी इस नाले में पल रहे खतरनाक कीटाणु घातक साबित हो सकता है।
जनहित में बच्चों के भविष्य और सेहत को देखते हुए जल्द से जल्द इस सड़क से बदबुदार किचड़ों की सफाई बेहद जरूरी है। बदबूदार गंदे पानी बहाने वाले कभी सोचते ही नही है कि स्वछता से क्या लाभ है। अक्सर देखा गया है कि जिसका भी गंदे पानी बहाने का साधन है। वह भी एक रईस की तरह बहाते है।
समाज मे अपने आप को समाजसेवी कहलाते हैं गंदे पानी बहाने वाले लोग। न सुधरेंगे और न गंदे पानी बहाने वाले को कोई सुधारेंगे। आने वाला महापर्व छठ में अब कुछ दिन शेष है। छठ व्रतियों व श्रदालुओं की भीड़ हज़ारों की संख्या में जुटती है।
जमुनिया छठ घाट जाने के रास्ते में बहा रहे गंदा पानी के लिए अब देखना है कब जनप्रतिनिधियों की नींद खुलती है। वैसे तो गंदा पानी बहाने वाले दबंगो को न त्योहार, न सामाजिक और न ही कानून से डर लगता है।
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