मालिकाना जमीन पर बसे दलित बंधुआ मजदूर की जी रहे जिंदगी-माले

सरकारी जमीन पर बसे तमाम भूमिहीनों को पर्चा मिले- सुरेन्द्र

एस. पी. सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। सिलिंग से फाजिल विनोबा भावे सरकारी जमीन पर बसे भूमिहीनों को आज भी बंधुआ मजदूर की जिंदगी जीना पड़ रहा है। तीन सौ रुपये मजदूरी के जगह कब्जेदार 150 रूपये में उनसे काम कराते हैं।

विरोध करने पर उन्हें घर उजाड़ देने की घमकी दी जाती है। सरकार (Government) तमाम भूमिहीनों को चिंहित कर वास भूमि एवं बसे को पर्चा, दलित बस्ती में पहुंच पथ समेत अन्य सरकारी सुविधा देने की मांग को लेकर सीओ को आवेदन देने, प्रतिनिधिमंडल मिलने से लेकर भाकपा माले चरणबद्ध आंदोलन चलायेगी।

उक्त बातें 10 अक्टूबर को भाकपा माले समस्तीपुर जिला स्थायी समिति सदस्य एवं ताजपुर प्रखंड सचिव सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने प्रखंड के रजबा मुशहरी वार्ड-4 शाखा की बैठक को संबोधित करते हुए कही। बैठक की अध्यक्षता शाखा सचिव सुखलाल सदा ने की।

इस अवसर पर बतहू सदा, बाबूलाल सदा, लीला सदा, सोने लाल सदा, जतन सदा, रामसेवक पासवान आदि उपस्थित थे। बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर भूमिहीनों को वास भूमि, सरकारी जमीन पर बसे को पर्चा, पर्चाधारी को कब्जा दिलाने एवं पहुंच से बंचित दलित बस्ती में पहुंच पथ दिलाने को लेकर अनवरत संघर्ष चलाने की घोषणा की गई।

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