ड्रेसिंग रूम में शव और घायल मरीजों का ईलाज से मरीजों को परेशानी-पंसस
एस. पी. सक्सेना/लातेहार (झारखंड)। लातेहार जिला के हद में चंदवा के सामाजिक कार्यकर्ता एवं कामता पंचायत के पंचायत समिति सदस्य अयुब खान चंदवा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शव गृह नहीं होने से मरीजों को हो रही परेशानियों पर चिंता व्यक्त किया है। पंसस के अनुसार उक्त अस्पताल में शव रखने का इंतजाम नहीं होने के कारण शव को ओपीडी के सामने ड्रेसिंग रूम में ही बेड में रख दिया जाता है।
इस संबंध में सामाजिक कार्यकर्ता एवं पंसस अयुब खान ने 6 अक्टूबर को बताया कि चंदवा अस्पताल में ड्रेसिंग रूम के एक बेड में शव पड़ा रहता है, वहीं ड्रेसिंग रूम के ही दुसरे बेड में घायल मरीजों का ईलाज किया जाता है।
उन्होंने कहा कि एक ही ड्रेसिंग रूम में शव रखे जाने और घायल मरीजों का ईलाज किए जाने से मरीजों के मस्तिष्क पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। इससे मृतक के परिजनों को परेशानी होती है। वहीं ईलाज करा रहे मरीजों के साथ साथ मरीज का ईलाज कराने गए परिवार के सदस्यों को भी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
खान ने बताया कि चिकित्सकों के साथ साथ ड्रेसिंग रूम में कार्यरत अस्पताल कर्मियों को भी इससे कठिनाई होती है। उन्होंने बताया कि लातेहार जिला का चंदवा दुर्घटना जोन प्रखंड होने के कारण यहां सड़क दुर्घटना के अलावा अन्य हादसों में कई लोग अपनी जान गंवा देते हैं।
उन्होंने बताया कि 6 अक्टूबर को स्थानीय शिवा टोली के एक बालक का शव करीब दो घंटे तक ड्रेसिंग रूम में पड़ा रहा। इस दौरान अस्पताल में आए घायल मरीजों को भी ड्रेसिंग रूम में पड़े शव के बगल के बेड में ही ईलाज किया गया।
अस्पताल में ईलाज करा रहे समाजसेवी निर्मल शर्मा कहते हैं कि सामने शव पड़ा हो और घायल बच्चों, मरीजों का ईलाज हो तो ऐसे में ईलाज करा रहे मरीजों के स्वास्थ्य पर खराब असर पड़ता ही है। शर्मा का कहना था कि घायल मरीज शव को देख लेगा तो उसे भय हो जाएगा। उसके मस्तिष्क पर विपरीत असर पड़ेगा।
खान ने बताया कि पिछले दिनों वज्रपात से एक युवक की देर शाम मौत हो गई थी। शव को रात भर अस्पताल के ड्रेसिंग रूम में ही रखना पड़ गया और ड्रेसिंग रूम में ही मरीजों का भी ईलाज किया गया, जो बिमार घायल मरीजों के स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है।
खान ने अस्पताल में एक कमरा आवंटन कर शव गृह बनाने की मांग चंदवा अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ नंद कुमार पांडेय सहित लातेहार के सिविल सर्जन (सीएस) डॉ दिनेश कुमार से किया है।
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