जयंत मुनि के जन्म शताब्दी महोत्सव में जुटे उनके अनुयायी

प्रश्नोत्तरी व् सांस्कृतिक कार्यक्रम संपन्न, मुख्य समारोह आज

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। जगजीवन जी महाराज चक्षु चिकित्सालय के संस्थापक जयंत मुनि महाराज की जन्म शताब्दी समारोह को लेकर 4 अक्टूबर को बोकारो जिला (Bokaro District) के हद में पेटरवार स्थित अस्पताल परिसर में उनके अनुयायियों का तांता लग गया है।

शताब्दी समारोह में शामिल होने के लिए झारखंड (Jharkhand) के विभिन्न जिलों के अलावा पश्चिम बंगाल के कोलकाता, महाराष्ट्र के मुंबई सहित गुजरात से बड़ी संख्या में जैन समुदाय के अनुयायी जुटने लगे हैं।

जानकारी देते हुए जयंत मुनि सेवा ट्रस्ट के ट्रस्टी एवं जैन समाज के मीडिया प्रभारी हरीश दोशी उर्फ राजू भाई ने 4 अक्टूबर को बताया कि पूज्य जयंत मुनि महाराज के जन्म शताब्दी महोत्सव का मुख्य कार्यक्रम 5 अक्टूबर को आयोजित होना है, जिसमें गोमियां व् बेरमो विधायक सहित सीसीएल ढोरी क्षेत्र के महाप्रबंधक के अलावा दर्जनों गणमान्य जनों के भाग लेने की संभावना है।

उन्होंने बताया कि पूज्य जयंत मुनि महाराज के जन्म शताब्दी समारोह में शामिल होने को लेकर आयी भवानीपुर कोलकाता की सुचिता महिला मंडल द्वारा आज प्रश्नोत्तरी के अलावा प्राण महिला मंडल बोकारो द्वारा संध्या बेला में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर यहां पधारी साध्वी गीत धरा दर्शना जी महासती ने एक भेंट में कहा कि वे बीते 55 साल से सेवभाव से कार्य कर रही हैं। उनका उद्देश्य है मानव कल्याण तथा मानव जाति को सुपथ के पथ पर ले जाने का कार्य करना। उन्होंने कहा कि इस मायानगरी में इंसान अपने मुल उद्देश्य से भटककर जीवन मरण के चक्र में फंसे रहते हैं।

जबकि मानव मूल्य जीवन मरण के चक्र से मुक्ति पाकर प्रभु का शरणागत होना है। इसी संदर्भ में भगवान महावीर के सारगर्भित अंश प्रस्तुति को लेकर सुचिता महिला मंडल द्वारा प्रश्न मंच प्रस्तुत किया गया है।

साध्वी दर्शना जी के अनुसार पांच ज्ञानेंद्रीय और पांच करमेंद्रीय है, इसमें डुबकर मानव जीवन व्यर्थ है। इससे उपर उठकर हीं परमात्मा को पाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमारी आत्मा हीं परमात्म तत्व है, क्योंकि ईश्वर का अंश हर मानव में है। ईश्वर अविनाशी है। आज मानव अपना मुल स्वभाव भूल गया है।

उन्होंने बताया कि उक्त अस्पताल के संस्थापक पूज्य जयंत मुनि महाराज का जन्म बिजयादशमी के दिन हुआ था। इसे लेकर हीं हम सभी यहां जुटे हैं। उन्होंने बताया कि सुचिता महिला मंडल भवानीपुर कोलकाता से आयी तमाम बहनें उनकी विद्यार्थीणी हैं।

इस अवसर पर जगजीवन जी महाराज सेवा ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी प्रवीण भाई पारेख ने भेंट में बताया कि वर्ष 1981 में जयंत मुनि महाराज ने अपने पिता व् गुरु पूज्य जगजीवन जी महाराज के नाम पर उक्त चक्षु चिकित्सालय स्थापित किया था। उन्होंने बताया कि इस ट्रस्ट में दर्जनभर दूसरे देशों से लगातार सहयोग राशि मिलता रहा हैं।

जिसमें सबसे अधिक सहयोग राशि लंदन, अमेरिका और मलेशिया से प्राप्त हो रहा है। मौके पर संस्थान के अन्य ट्रस्टी यथा दिलेश भाई भयाणी, बिपिन भीमणि, शांतिलाल जैन, जीतू भाई भयाणी, हरीश दोसी उर्फ राजू भाई, परेश भाई, हर्षद भाई अजमेरा आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।

 663 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *