प्रहरी संवाददाता/विष्णुगढ़ (हजारीबाग)। विष्णुगढ़ प्रखंड के हद में गाल्होवार में शारदीय नवरात्र की सप्तमी पूजा के साथ ही बीते 2 अक्टूबर को मंडप में स्थापित मां दुर्गे का पट खुला। इस दौरान बेलभरनी पूजा के साथ भक्तों ने मां का आह्वान किया और पूरे विधि विधान के साथ सप्तमी पूजा पर मां की प्रतिमा का पट खोला।
इस अवसर पर अष्ट भुजाओं वाली मां का स्वरूप देख कर भक्त भी निहाल हो गए। इस बीच पुजारियों के वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भक्तों ने बेलभरनी की पूजा की। इसके बाद विधि विधान के साथ प्रतिमा का पट भक्तो के लिए खोला गया।
वहीं 3 अक्टूबर को शारदीय नवरात्र की महाअष्टमी की पूजा करने श्रद्धालुओं की भीड़ काफी उत्साहित दिखी। श्रद्धालु मां महागौरी की दर्शन करने के लिए सुबह से हीं कतार में लगी रही। बारी बारी से पूजा अर्चना की| मंदिर के पुजारी द्वारा महाष्टमी की पूजा पारम्परिक विधि विधान के साथ मंत्रोच्चारण किया गया।
इस अवसर पर मंदिर के पुजारियों द्वारा बताया गया की नवरात्रि के आठवें दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा की जाती है। मान्यता है कि महागौरी की पूजा करने से शारीरिक व मानसिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है। महागौरी की पूजा से धन, वैभव व ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
नवरात्र पर्व पर दुर्गाष्टमी या महाष्टमी के दिन कन्याओं की पूजा की जाती है। जिसे कंचक भी कहा जाता है। इस पूजन में नौ साल की कन्याओं की पूजा करने का विधान है। माना जाता है कि महागौरी की उम्र भी आठ साल की थी। कन्या पूजन से भक्त के पास कभी भी कोई दु:ख नहीं आता है। मां अपने भक्त पर प्रसन्न होकर मनवांछित फल देती हैं। समिति के तमाम सदस्य पूजा और मेले की तैयारी में जुटे हुए हैं।
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