धीरज शर्मा/विष्णुगढ़ (हजारीबाग)। हजारीबाग जिला के हद में विष्णुगढ़ प्रखंड स्थित अखाड़ा चौक की दुर्गा पूजा सबसे पुरानी एवं ऐतिहासिक है। यहां मनायी जानेवाली दुर्गा पूजा लगभग 152 वर्ष पुरानी बतायी जा रही है।
जानकारी के अनुसार लगभग 152 वर्ष पूर्व विष्णुगढ़ के महंथ अखाड़ा चौक में महंथ घराने द्वारा सबसे पहले दुर्गा पूजा का आयोजन किया गया थ। इसके बाद प्रखंड के मड़मो में भी दुर्गा पूजा का आयोजन होने लगा। बताया जाता है कि महंथ घराने के जमींदारी राज के मड़मो मौजा के तत्कालीन भंडारी गुज्जु सिंह के द्वारा मड़मो में दुर्गा पूजा की शुरुआत की गयी थी।
इतिहास के पन्नों के अनुसार विष्णुगढ़ में महंथ घराने की ज़मींदारी राज हुआ करता था, जो कुसुम्भा लॉट के नाम से दर्ज है। महंथ घराने के द्वारा प्रखंड के विभिन्न स्थानों में अनेक मंदिरों का समय दर समय निर्माण भी करवाया गया था, जो आज भी विभिन्न जगहों के ग्रामीणों के देख रेख में संचालित किया जाता है।
महंथ अखाड़ा के दुर्गा पूजा की शुरुआत महंथ घराने के राम किशुन दुबे ने की थी। पूर्वजों की शुरू की गयी पूजा को धरोहर मान कर आज की तारीख में महंथ घराने के द्वारा पारम्परिक तरीके से इसे जारी रखा गया है।
बताया जाता है कि विष्णुगढ़ के आखिरी जमींदार महंथ घराने के महंथ वासुदेव दास को उनके बचपन में चेचक हुआ था। इससे उनकी जान पर बन आयी थी। उनके बचाव में उनके पिता राम किशुन दुबे ने माँ दुर्गा से मनौती मांगी थी और महंथ जी की जान बच गयी थी।
महंथ वासुदेव दास को चेचक से राहत मिलने की मांगी गयी मनौती पूरी होने पर उनके पिता ने अपने विष्णुगढ़ के महंथ अखाड़ा चौक में दुर्गा पूजा का आयोजन किया, जो साल दर साल जारी है। महंथ घराने की आयोजित दुर्गा पूजा के प्रति श्रद्धालुओं की असीम श्रद्धा है। महंथ घराने के द्वारा 1870 ई० से पीढ़ी दर पीढ़ी पारम्परिक तरीके से अपने कर्तव्यों का निर्वाहन किया जाता है। इस पूजा के लिए कोई चंदा नहीं किया जाता है।
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