एक वर्ष की निरंतर सेवाकाल में डीएवी गुवा के प्राचार्य ने विकास का खाका खींचा

सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर (झारखंड)। बोकारो जिला के हद में डीएवी पब्लिक स्कूल कथारा से एक वर्ष पूर्व स्थांतरित होकर पश्चिमी सिंहभूम जिला के हद में डीएवी गुवा में प्राचार्य डॉ मनोज कुमार के पदभार ग्रहण का एक वर्ष की अवधि पुरा हो गया है।

उनकी अवधि से कार्यकाल की एक साल पूरे होने पर डीएवी गुवा के बच्चों एवं शिक्षकों ने 24 सितंबर को एक विशेष कार्यक्रम के तहत प्राचार्य डॉ मनोज कुमार को सम्मानित कर बधाई दी।

इस अवसर पर विद्यालय के प्रार्थना सभा में दर्जनो विकास कार्यो की चर्चा की गई। सेल सम्बद्ध डीएवी पब्लिक स्कूल गुवा (DAV Public School Gua) में विद्वान व अनुभवी प्राचार्य के एक साल के उत्कृष्ट कार्यों से अभिभावको, बच्चों, शिक्षको एवं सेल गुवा प्रबंधन ने भी देखा। प्राचार्य की पोस्टिंग नई दिल्ली डीएवी संस्था मुख्यालय से अभिभावकों की मांग तथा डीएवी गुवा को उत्कृष्ट शिक्षण संस्थान बनाने के लिए खास तौर से किया गया।

उक्त स्कूल के विस्तार के लिए एक कर्मठ के साथ -साथ विद्वान व अनुभवी प्राचार्य की जरूरत थी।जिसे संस्था ने अनुभवी प्राचार्य डॉ मनोज कुमार को स्थांतरित कर किया। प्राचार्य के आगमन के उपरांत डीएवी गुवा के शिक्षण व्यवस्था में अनुशासनिक तौर से विशेष परिवर्तन देखा जा रहा है।

प्राचार्य कुमार के मार्गदर्शन एवं दिशा निर्देशन में बीते सत्र की सीबीएसई नई दिल्ली संचालित कक्षा द्वादश विज्ञान संकाय एवं कक्षा दशम बोर्ड परीक्षा परिणाम में बच्चों का प्रदर्शन उत्कृष्ट एवं सराहनीय रहा। विद्यालय में मनाई गई शिक्षक दिवस एवं स्थापना दिवस समारोह के साथ -साथ अन्य दर्जनो स्कूली बच्चों के संस्कृति कार्यक्रम ने विद्यालय का गौरव बढ़ाया है।

प्राचार्य डॉ मनोज के सतत प्रयासों से विद्यालय परिसर के अंदर बच्चों के पठन-पाठन हेतु 4 कमरों का निर्माण कार्य की शुरुआत सेल प्रबंधन द्वारा की जा रही है। विद्यालय परिसर के अंदर स्वच्छ वातावरण के साथ-साथ विद्यालय के छह कमरों का जीर्णोद्धार एव कंसर्टिना वायरिंग द्वारा विद्यालय की सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद की गई है।

बच्चों के स्वच्छ जल आपूर्ति एवं इंफ्रास्ट्रक्चर में बढ़ोतरी ने विद्यालय को आंतरिक रुप से बच्चों के लिए सुदृढ़ रूपरेखा तैयार कर दी है। स्थानीय सेल प्रबंधन के दिशा निर्देश में विद्यालय के बढ़ते चरण की जितनी प्रशंसा की जाए कम है। स्कूली बच्चों एवं अभिभावकों में शिक्षा के विकास एवं बच्चों को बेहतर शिक्षा के लिए विद्यालय प्रबंधन के प्रति खास विश्वास एवं संतोष देखा जा रहा है।

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