बेरमो जिला बनने की सभी अहर्ता करता है पूरा-घनश्याम राम
प्रहरी संवाददाता/गोमियां (बोकारो)। बेरमो जिला बनाओ संघर्ष समिति की एक बैठक 24 सितंबर को होसिर पंचायत सचिवालय में आयोजित किया गया। बैठक में आसपास के आधा दर्जन से अधिक पंचायत के प्रतिनिधि सहित बड़ी संख्या में गणमान्य ग्रामीण रहिवासी शामिल हुए।
जानकारी के अनुसार गोमियां प्रखंड के हद में होसिर पूर्वी पंचायत भवन सभागार में 24 सितंबर को बेरमो जिला बनाओ संघर्ष समिति की बैठक पूर्व मुखिया घनश्याम राम की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में समिति के संयोजक संतोष नायक, होसिर पूर्वी, साड़म पश्चिमी, तुलबुल सहित आठ पंचायतों के मुखिया एवं रहिवासी शामिल हुए।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए घनश्याम राम ने कहा कि बेरमो अनुमंडल का सृजन वर्ष 1972 में गिरिडीह जिले के साथ हुआ था। इस अनुमंडल में 14 थाना, 4 ओपी तथा 7 प्रखंड है। उन्होंने कहा कि बेरमो अनुमंडल झारखंड राज्य का खनिज संपदा से परिपूर्ण अविभाजित बिहार का 1972 में बनने वाला सबसे पुराना अनुमंडल है, जो प्रारंभ से ही जिला बनने की सभी अहर्ताओं को पूरा करता है।
इसके बावजूद यहां राजनीतिक समर्थन एवं इच्छाशक्ति के अभाव में जिला बनने की घोषणा होने की बाट अब तक जोह रहा है। उन्होंने कहा कि बेरमो अनुमंडल में बंगाल की त्रासदी कहे जाने वाले दामोदर नदी में बनाया गया एशिया का सबसे बड़ा मिट्टी का डैम है।
इसके अलावा ललपनिया स्थित टीटीपीएस, बीटीपीएस, सीटीपीएस पावर प्लांट भी स्थित है। वही सीसीएल के कथारा, करगली, ढोरी, बेरमो, गोविंदपुर परियोजना भी है। जहां से सरकार को करोड़ों रुपए का राजस्व प्राप्त होता है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर बेरमो अनुमंडल की कुल आबादी 11,07,672 है, जो जनसंख्या की दृष्टि से भी जिला बनने की अहर्ताओं को पूरा करता है।
राम ने कहा कि झारखंड के कई ऐसे जिले हैं, जिसकी आबादी एवं क्षेत्रफल बेरमो अनुमंडल से कम है।यह सरकारी उदासीनता ही है जिसके कारण बेरमो को जिला का दर्जा अभी तक नही मिल पाया है।
उन्होंने कहा कि पूरे बेरमो अनुमंडल की जनता सरकार से एक स्वर में बेरमो को जिला बनाने की मांग करती है। बैठक में मुखिया सावित्री देवी, शोभा देवी, शांति देवी, ममता देवी, उप मुखिया गोदावरी देवी, पंसस गीता देवी आदि ने भी अपने विचारों को रखा।
मौके पर उपरोक्त के अलावा मोर्चा के संस्थापक सदस्य कुलदीप प्रजापति, मोहन नायक, हैदर अंसारी, कुंदन कुमार, संजीव प्रसाद, राजीव प्रसाद, जगतारिणी देवी, सुमित्रा देवी, रुपाली देवी, रेहाना खातून, अंजू देवी, लक्ष्मी देवी, किरण देवी, सुनीता देवी, रामप्रसाद पटवारी आदि उपस्थित थे।
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