जानलेवा नशे की गिरफ्त में बेरमो के युवावर्ग

युवाओं को सुनियोजित तरीके से बनाया जा रहा है नशे का आदि

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। समय समय पर मीडिया द्वारा बोकारो जिला के हद में बेरमो कोयलांचल में फैल रहे नशे के सौदागरों की नेटवर्क का संकेत पुलिस प्रशासन को देती रही है। जिसके आधार पर पुलिस प्रशासन (Police Administration) द्वारा की गई कार्रवाईयों मे उन्हे कभी नाकामी तो कभी सफलता हाथ लगती रही है।

बावजूद इसके इतना सब कुछ होने के बाद भी नशे के सौदागरों का नेटवर्क दिन प्रति दिन बेरमो कोयलांचल में लगातार मजबूत होता जा रहा है। शायद यही कारण है कि बेरमो कोयलांचल के लगभग हर थाना क्षेत्र में नशे के सौदागरों का गिरोह सक्रिय होकर यहां के युवा व नाबालिग नस्ल को इसका आदि बनाने मे जुटे हैं।

ध्यान देने योग्य बात यह कि, बेरमो कोयलांचल का शहरी क्षेत्र हो या ग्रामीण क्षेत्र, हर जगह युवाओं द्वारा नशे के सेवन करने का दृश्य देखने को मिल जायेगा। हद तो यह है कि कोयलांचल में दर्जनों ऐसे खैनी (तम्बाकू) दुकान विराजमान है जहां नशेड़ियो को गांजा आसानी से मिल जाता है। हैरानी तब और अधिक होती है जब 10 से 15 वर्ष के बच्चों को भी इसका सेवन मे संलिप्तता देखने को मिलती है।

हाल ही में बोकारो थर्मल पुलिस ने ड्रग्स के कई पुड़ियो के साथ एक युवक को गिरफ्तार किया था, जिसे जेल भी भेजा गया। मगर कुछ माह बाद वह युवक अदालत से जमानत लेकर बाहर आ गया। यह घटना तो एक बानगी भर है। अगर सूत्रों की माने तो ड्रग्स का मुख्य बिक्री केंद्र इन दिनों फुसरो का मुख्य बाजार बना हुआ है।

ड्रग्स के नशे के आदि युवक फुसरो के विभिन्न ठिकानों से ड्रग्स हासिल कर अपनी नशे की तृप्ति करते है। दुसरे शब्दों में अगर कहा जाये तो यह बात कही से भी गलत नहीं होगा कि बेरमो क्षेत्र में इन दिनों नशीले पदार्थों की बेधड़क बिक्री हो रही है। जगह-जगह 10 साल से 15 साल के बच्चे नशे का सेवन कर रहे हैं।

युवाओं और नाबालिगो को नशे का आदि बना कर नशे के सौदागर नयी पीढ़ी को समाप्त करने में लगा है। बेरमो कोयलांचल मे ऐसा कोई नशा का खुराक नही जो नशेड़ियो को नही मिलता हो। चाहे किमत जितनी भी अदा करनी पड़े।

मिली जानकारी के अनुसार बेरमो कोयलांचल के कई क्षेत्रों में खास कर फुसरो के कुछ चिन्हित ठिकानों पर नशे के सौदागर हीरोइन, अफीम, गांजा आदि नशीले पदार्थ लेकर नशेड़ियों तक मुहैया कराते हैं। नशेड़ी विभिन्न ठिकानों पर ले जाकर इसका सेवन करते हैं।

बताया जाता है कि बेरमो कोयलांचल के फुसरो बाजार सब्जी मंडी, सिंह नगर रेलवे लाइन के किनारे, संडे बाजार, कुरपनिया, जरिडीह बाजार, जारंगडीह दुर्गा मंदिर के समीप, बाबू क्वाटर नदी तट, जारंगडीह 12 नंबर, 16 नंबर, मनसा नगर, कथारा फुटबॉल मैदान, कथारा मोड़ सब्जी बाजार शेड, रेलवे कॉलोनी, कथारा चार नंबर पानी टंकी के समीप, निचे हनुमान मंदिर के समीप आदि जगहों पर संध्या नशेड़ियों का जमावड़ा देखा जा सकता है।

दरअसल पुलिस जब भी नशे के सौदागरों को दबोचा है वे सभी मुख्य सरगना के दलाल ही होते हैं। आज तक पुलिस नशे का खेप पहुंचाने वाले सिण्डिकेट तक नहीं पहुंच पायी या उस नेटवर्क के किसी खास सदस्य को गिरफ्तार नही कर पायी। शायद यही कारण है कि बेरमो कोयलांचल में लगातार नशे के सौदागरों का दायरा बढ़ता जा रहा है और कोई कुछ नहीं कर पा रहा है।

बताया जाता है कि नशे के सौदागर का नेटवर्क उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से बिहार के मोहनियाँ के रास्ते डेहरी-ऑन-सोन पहुंचता है। वहां से कोयलांचल से कोयला लेकर डेहरी मंडी पहुंचे ट्रको के माध्यम से इसे कोयलांचल भेजा जाता है।

बताया जाता है कि नशे का खुराक हासिल करने के लिए युवा, बच्चे, छात्र अपराध करने से भी गुरेज नही करते। बाकि की कहानी तस्वीर खुद-ब-खुद बयां कर रहा है कि ड्रग्स के सेवन का अनुपात बेरमो कोयलांचल में कितना हो रहा है। इसके जद में नयी पीढ़ी किस कदर डुबकर बर्बाद हो अपनी जीवन समाप्त करने पर आमादा है।

जरुरत है बेरमो कोयलांचल में पुलिस प्रशासन को इसके विरुद्ध और भी सक्रियता बढ़ाने की, ताकि बेरमो कोयलांचल से नशे के सौदागरों के नेटवर्क को जड़ से उखाड़ फेका जा सके। साथ हीं अभिभावकों को अपने बच्चों पर पैनी नजर रखने की जरूरत है। इस लत से अपने बच्चों को दुर रखने की जरूरत है, नही तो आने वाली पीढ़ी देश के भविष्य को पुरी तरह चौपट कर देगी।

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