प्रबंधन रैयत -विस्थापित और अंचल प्रशासन के साथ त्रिपक्षीय बैठक संपन्न
एन. के. सिंह/फुसरो (बोकारो)। बोकारो जिला के हद में सीसीएल ढ़ोरी प्रक्षेत्र के बंद पडे़ पिछरी कोलियरी को चालू करने की प्रक्रिया के तहत 31 अगस्त को पिछरी कोलियरी स्थित बंगला में सीसीएल अधिकारी, रैयत-विस्थापितों, पेटरवार अंचल अघिकारी और पुलिस प्रशासन (Police Administration) के बीच बैठक हुई। कुछ देर के बाद ही वारिश होने के कारण बैठक स्थगित कर दिया गया। पुन: 3 सितंबर को पंचायत भवन में बैठक होगी।
यहां आयोजित बैठक में ढ़ोरी महाप्रबंधक ऑपरेशन मेराज अहमद, अमलो पीओ वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता सहित अधिकारी, विस्थापित नेता काशीनाथ सिंह और मुखिया प्रतिनिधि देवीदास के अलावे सैकड़ों ग्रामीणों की उपस्थिति में जून 2002 से बंद कोलियरी को चालू करने पर चर्चा हुई। सभी रैयत ने एक स्वर में कहा कि कोलियरी चालू हो लेकिन हमलोग का भी हक और अधिकार मिले।
मौके पर विस्थापित नेता काशीनाथ सिंह ने कहा कि सीसीएल अधिकारी रैयतों के साथ ठगने का काम कर रही है। अधिकारी ईमानदारी से कार्य करेगें तो सहयोग किया जाएगा। ढ़ोरी जीएम आपरेशन मेराज अहमद ने कहा कि बंद पिछरी कोलियरी चालू करने में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि कोल इंडिया के आरआर पॉलिसी के तहत नौकरी, मुआवजा व पुर्णवास दिया जाएगा।
पीओ बिरेंद्र कुमार गुप्ता ने कहा कि रैयतों को दो एकड़ जमीन के बदले एक नौकरी पाने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि प्रबंधन की नियत साफ है। मन में पूर्व की कड़वाहट को भूल कर भविष्य की मिठास को देखिये।
पिछरी कोलियरी में कोयला का अपार भंडार है, जिससे 20 वर्ष तक कोयला निकाला जाएगा। उन्होंने कहा कि रैयत जमीन सत्यापन के लिए कागजात जमा करें, जिसे पेटरवार अंचल द्वारा सत्यापन किया जाएगा।
सीओ बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि सीसीएल प्रबंधन पहले रैयत- विस्थापितों को अधिकार दे, तब जाकर कोलियरी चालू करे। उन्होंने कहा कि रैयतो के साथ अन्याय नहीं होने देंगे। अगली बैठक 3 सितंबर को पिछरी उत्तरी पंचायत भवन में होगी।
बैठक में उपरोक्त के अलावा सीसीएल ढ़ोरी के सिक्योरिटी ऑफिसर सीताराम यूके, सर्वे अधिकारी साहदेव मजूमदार, अमीन बीके मंडल शामिल थे। मौके पर रोहित लाल सिंह, पंकज मिश्रा, मुकेश मिश्रा, बृजेश मिश्रा, काली सिंह, गोपाल मल्लाह, दिलचंद महतो, नारायण मल्लाह, निमाई सिंह, अशोक महतो, राजेश मिश्रा, संतोष साव, बजरंगी मिश्रा, रघुनंदन साव, मो. सोबराती अंसारी, मो. अब्दूल अंसारी, कजली देवी सहित सैकडों ग्रामीण रहिवासी मौजूद थे।
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