राष्ट्रीय विरोध दिवस पर मजदूर संगठनों का जुलूस व् समाहरणालय पर प्रदर्शन

एस. पी. सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। बढ़ते महंगाई पर रोक लगाने, भूमिहीन को जमीन- पर्चा- आवास देने, सरकारी जमीन पर बसे को पर्चा देने, गरीबों के घर पर बुलडोजर चलाना बंद करने, सभी जरूरतमंद के लिए रोजगार, घर, जमीन, भोजन, शिक्षा, स्वास्थ्य और समानता की मांग को लेकर खेतिहर एवं ग्रामीण मजदूरों के संयुक्त राष्ट्रीय आह्वान पर राष्ट्रीय विरोध दिवस पर एक अगस्त को मजदूर संगठनों ने स्टेशन चौक से ईकट्ठा होकर जुलूस निकाला।

इस दौरान कार्यकर्ता अपने हाथों में झंडे, बैनर एवं मांगों से संबंधित तख्तियां लेकर जोरदार नारा लगाते हुए बाजार क्षेत्र का भ्रमण करते हुए समाहरणालय पहुंचकर प्रदर्शन के बाद जुलूस सभा में तब्दील हो गया। सभा की अध्यक्षता खेग्रामस के समस्तीपुर जिलाध्यक्ष उपेंद्र राय, बिहार प्रांतीय खेतिहर मजदूर यूनियन के रामसागर पासवान, समस्तीपुर जिला खेत मजदूर यूनियन के रामप्रीत पासवान ने की।

सभा को खेग्रामस की ओर से अमित कुमार, जीबछ पासवान, सुरेन्द्र प्रसाद सिंह, ललन कुमार, अनील चौधरी, अशोक कुमार, टिंकू यादव, उमेश महतो, राजकुमार चौधरी, सुनील कुमार राय, शशि कुमार सिंह, चंदेश्वर राय, नारायण साह, गणेश राय, श्रवण राम, वीणा देवी, सावित्री देवी, खेमयू के दिनेश पासवान, रामदयाल भारती, आदि।

भोला प्रसाद दिवाकर, रधुनाथ राय, उपेंद्र राय, समस्तीपुर जिला खेमयू के अनील प्रसाद, सईद अंसारी, रूमल यादव, बतहू सिंह, शत्रुधन राय, सुधीर कुमार देव समेत भाकपा माले जिला सचिव प्रो. उमेश कुमार, माकपा के जिला सचिव राजाश्रय महतो, भाकपा के जिला सचिव सुरेन्द्र कुमार मुन्ना समेत अन्य कई वक्ताओं ने संबोधित किया।

इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार पुरी तरह मजदूर विरोधी है। मजदूरों के तमाम योजनाओं में लूट- भ्रष्टाचार व्याप्त है। मनरेगा में मजदूर के जगह ट्रेक्टर एवं जेसीबी से कार्य कराया जा रहा है। अनेकों जगह पर तो सिर्फ रजिस्टर पर काम होता है।

भूमिहीन को वास भूमि, पहुंच पथ, आवास, राशन कार्ड उपलब्ध कराने के कानून के बाबजूद इनसे बंचित किया जा रहा है। सरकारी जमीन पर पुस्तैनी बसे को पर्चा, आवास समेत अन्य योजनाओं का लाभ देने के बजाय हरियाली योजना के नाम पर दलित- गरीबों के उपर बुलडोजर चलवाया जा रहा है।

वक्ताओं ने कहा कि एक ओर बढ़ते महंगाई से देशवासी परेशान है तो दूसरी ओर देश की रक्षा के लिए सीमा पर बहाल होने वाले सैनिकों का निजीकरण किया जा रहा है। सरकार (Government) के खिलाफ लिखने, बोलने, संघर्ष करने वाले को जेल में डाला जा रहा है।

अंत में तीनों मजदूर संगठन के जिला सचिव एवं अध्यक्ष द्वारा 11 सूत्री मांग- पत्र जिलाधिकारी को सौंपकर इन मांगों पर यथाशीघ्र कार्रवाई करने की मांग की गई।

 148 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *