मुंबई की सड़कों पर अब नहीं दिखेंगे भिखारी

मुंबई। महानगर मुंबई समेत राज्य भर की सड़कों से जल्द ही भिखारी गायब होने वाले हैं। मुंबईकरों को भिखारियों की समस्या से निजात दिलाने के लिए प्रशासन ने योजना तैयार कर ली है। योजना के तहत सड़कों से भिखारियों को उठा कर कुशल कारीगर बनाया जाएगा। ताकि सड़कों पर भीख मांगने के बजाए भिखारी अपने कौशल के दम पर पैसा कमा सकें। चैरिटी कमिश्नर शिवकुमार डिगे की अध्यक्षता में भिखारी पुनर्वसन मुहिम मुंबई समेत पूरे राज्य में चलाई जाएगी।

मुंबई की सड़कों पर रोजाना 25 हजार से अधिक लोग भीख मांगते हैं। जबकि पूरे राज्य में भिखारियों की संख्या 1 लाख से अधिक है। चैरिटी कमिश्नर शिवकुमार डिगे ने कहा कि योजना के पहले चरण के तहत पुलिस की सहायता से सडकों पर भीख मांग रहे बच्चों व युवाओं को बाल सुधार गृह में लाया जाएगा। महिला बाल कल्याण विभाग की सहायता से बाल सुधार गृह में उनकी काउंसलिंग की जाएगी।

काउंसलिंग के बाद भिखारियों को प्रधानमंत्री कौशल योजना के तक प्रशिक्षित किया जाएगा।कुशल कारीगर बनाने की योजना भिखारी पुनर्वसन मुहिम के तहत छोटे बच्चों से लेकर 18 वर्ष से अधिक के भिखारियों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। शिवकुमार ने कहा कि बाल गृह मे भिखारियों को प्लम्बिंग, वायरिंग, टेबल कुर्सी बनाने समेत अन्य काम सिखाए जाएंगे। प्रशिक्षण के बाद भिखारियों को रोजगार मुहैया करवाने का भी प्रयास प्रशासन करेगा।

एनजीओ का साथ राज्य को भिखारी मुक्त करने में कई सामाजिक संगठनों का भी साथ सरकार को मिल रहा है। संगठनों के सदस्य भी भिखारियों के पुनर्वसन में मदद करेंगे। इसके तहत वे उनकों प्रशिक्षण देने के साथ रोजगार उपलब्ध करवाने में भी सहायता करेंगे। इससे पहले भी मुंबई को भिखारियों की समस्या से निजात दिलाने के लिए कई प्रयास किए गए हैं। लेकिन अब तक सभी कोशिशें नकामयाब साबित हुई हैं।

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