आईकॉनिक वीक के तहत पारदर्शिता एवं उत्तरदायित्व पर चर्चा

जनता और शासन के बीच की खाई को पाटना होगा-अयूब खान

प्रहरी संवाददाता/लातेहार (झारखंड) आजादी का अमृत महोत्सव आईकॉनिक वीक सप्ताह लातेहार जिला के हद में चंदवा प्रखंड के कामता पंचायत में मनाया जा रहा है। इसी कड़ी में बीते ग्राम हिसरी आंगनबाड़ी केंद्र में आईकॉनिक वीक के तहत बैठक कर पार्दर्शिता उत्तरदायित्व प्रोत्साहन पर चर्चा की गयी। अध्यक्षता उप मुखिया सुमन उरांव ने किया।

मौके पर उपस्थित पंचायत के रहिवासियों के समक्ष अपने विचार रखते हुए पंचायत समिति सदस्य अयुब खान ने कहा कि हर सरकारी कार्य में पारदर्शिता होनी चाहिए। यह तभी संभव है, जब पंचायत में चल रही विकास योजनाओं सहित अन्य कार्यों की जानकारी रहिवासियों को हो। तभी वह सही गलत के बारे में बोल सकते हैं। इससे पार्दर्शिता बनी रहेगी।

उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारी आज जनता तथा जनप्रतिनिधियों के कार्यों के प्रति उत्तरदाई नहीं हैं। इससे ग्रामीण जनता अलग थलग पड़ गई है। जनता और शासन के बीच की खाई को पाटना होगा।

खान ने कहा कि नागरिकों को सशक्त और कार्यों को पारदर्शी बनाने, सरकार के कार्यों में उत्तरदायित्व एवं पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2005 में संसद द्वारा सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम लागू किया गया था, ताकि पारदर्शिता सूनिश्चित की जा सके।

पंचायत के मुखिया नरेश भगत ने कहा कि ग्राम सभा को सशक्त बनाकर सभी जन कल्याणकारी योजनाओं से लोगों को जोड़ना पड़ेगा। पंचायत विकास कार्य मे ग्रामीण रहिवासियों को सम्मिलित करना होगा। जनता को अपने उत्तरदायित्व समझते हुए हर सरकारी योजनाओं को संपत्ति समझनी होगी।

तभी पारदर्शिता रह पाएगी। रोजगार सेवक मुकेश अग्रवाल ने कहा कि पार्दर्शिता के प्रोत्साहन के लिए सरकार द्वारा कई कदम उठाये गए हैं। आज लोगों को जागरूक होकर कार्यों में भागीदारी निभाने की जरूरत है। उन्होंने मनरेगा से की जाने वाली योजनाओं की जानकारी देते हुए रहिवासियों को लाभ उठाने की अपील की।

कार्यक्रम में उप मुखिया सुमन उरांव, वार्ड सदस्य जमरूल खान, सुषमा मिंज ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर पंचायत समिति सदस्य अयुब खान, मुखिया नरेश भगत, रोजगार सेवक मुकेश अग्रवाल, विद्यालय के प्रधानाध्यापक विजय कुमार पासवान, उप मुखिया सुमन उरांव, वार्ड सदस्य जमरूल खान, सुषमा मिंज, सावन परहैया, सुनीता देवी, निर्मल उरांव, बालदेव उरांव, आदि।

रविन्द्र भोगता, लैभागा गंझु, अमृत वासपति, बीरबल उरांव, अरबिंद उरांव, भरून नायक, विनेश उरांव, सरीता देवी, राजू उरांव, गंदरा उरांव, तुफान नायक, बिगन नायक, जैजीत मिंज, सहदेव उरांव, महेंद्र गंझु, सुधवा उरांव, हेलेन मिंज, रीता मिंज, बीना उरांव, चैता उरांव, आदि।

अजय घांसी, मानती देवी, धनमनी उरांव, फुलमनी देवी, कलावती देवी, सुमित्रा देवी, आश्रिता उरांव, सोनीका कुजूर, मन्नत देवी, अनिता देवी, मनीता मिंज, सुशांती कुमारी सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण महिला पुरुष शामिल थे।

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