सारंडा में वन औषधियों व इको टूरिज्म काे बढ़ावा दिया जाना चाहिए-मुंडा विक्रम चॉपिया
प्रहरी संवाददाता/जमशेदपुर। सारंडा के बेरोजगार युवक-युवतियों व महिला-पुरुषों को वन आधारित रोजगार से जोड़ने की माँग बडाजामदा व बोकना गाँव मुंडा विक्रम चॉपिया ने जिला उपायुक्त (District Deputy Commissioner) अनन्य मित्तल से की है।
मुंडा विक्रम चॉपिया के अनुसार सारंडा के ग्रामीण बेरोजगारों के माध्यम से सपन्न किया जा सकता है। उन्होने कहा कि बीते वर्ष जिला उपायुक्त के आदेश के बावजूद भी आसपास संचालित खदान प्रबंधन द्वारा इस दिशा में सारंडा क्षेत्र में कोई कार्य नहीं किया गया है। सच्चाई यह है कि जिला प्रशासन (District Administration) व वन विभाग द्वारा भी सारंडा के बेरोजगारों को रोजगार से जोड़ने के लिए ऐसा कोई कार्य या मॉडल अब तक तैयार नहीं किया गया है।
बडाजामदा व बोकना गाँव मुंडा विक्रम चॉपिया ने नेतृत्व में जंगल के आदिवासियों के अनुसार हर मौसम में सारंडा जंगल में कुछ न कुछ वनोत्पाद उपलब्ध रहता है इसके लिये कहीं भी प्रोसेसिंग प्लांट, स्थायी क्रय-विक्रय केन्द्र, बड़ा बाजार व यातायात की सुविधा नहीं है।
जानकारी के अनुसार सारंडा में चिरौंजी, आम, कटहल, महुआ, जामुन, इमली, सरगी (साल) बीज आदि भारी मात्रा में पाएं जाते है। इसकी प्रौसेसिंग व बिक्री की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। इस वजह से प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये के वनोत्पाद पेड़ या जंगल में ही सड़ कर नष्ट हो जाते हैं।
इसके अलावा कुछ बाहरी व्यापारी ऐसे हैं जो अपने एजेंटों के माध्यम से ग्रामीणों से औने-पौने दाम में चिरौंजी, जामुन, आम व अन्य वनोत्पाद को गुमराह कर ले जाते है। अन्ततः इसका उचित मुल्य भी गरीब आदिवासी को नहीं मिल पाता है।
मुंडा विक्रम चॉपिया के अनुसार सारंडा में यदि सरकार और खदान प्रबंधन के सहयोग से प्रोसेसिंग प्लांट, आम, कटहल, ईमली आदि का आचार, जैम, अमावट, आम चूर्ण, इमली चटनी, सिरका आदि बनाने का प्रशिक्षण व प्लांट और व्यापक बाजार उपलब्ध करा दिया जाये तो सैकड़ों बेरोजगारों को रोजगार मिल सकेगा।
विदित हो कि उपायुक्त के आदेश के बाद भी क्षेत्रीय माईंस प्रबंधन द्वारा ग्रामीणो के कारोबार में रुची नही दिखाने के कारण आदिवासियो के जीवन में उत्थान की स्थिति अभी तक नही बन पाई है। देखा जाय तो सारंडा में वन औषधियों का भंडार है।
साथ ही सारंडा में इको टूरिज्म काे बढ़ावा दिया जाना चाहिए। बडाजामदा व बोकना गाँव मुंडा विक्रम चॉपिया ने जिला प्रशासन व झारखंड सरकार से आदिवासियों के हित में विभिन्न योजनाओं को क्रियान्वित करने की मांग की है।
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